यह नियम कहता है कि आपकी सैलरी को तीन हिस्सों में बांटें। 50% जरूरतों जैसे खाना, घर, बिजली, 30% शौक पूरे करने जैसे शॉपिंग, एंटरटेनमेंट और 20% सेविंग्स इन्वेस्टमें के लिए।
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, निवेश में रिस्क कम करना चाहिए। जैसे 40 की उम्र में 60% इक्विटी और 40% डेब्ट और 60 साल में 40% इक्विटी, 60% डेब्ट रखें। इससे पोर्टफोलियो सेफ रहता है।
बचत किए गए पैसों को महीने के पहली हफ्ते में ही निवेश कर दें। अगर कुछ खरीदने का मन कर रहा है तो एक हफ्ते के लिए टाल दें। अक्सर इसके बाद लगता है कि यह जरूरी नहीं और पैसे बच जाते हैं।
आपकी मंथली EMI कुल इनकम का 40% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। एक्सपर्ट्स कहते हैं, 'कर्ज धीरे-धीरे आपकी कमाई पर दबाव डालते हैं। यह नियम आपकी फाइनेंसियल स्ट्रेस कम करता है।'
किसी इमरजेंसी के लिए हमेशा 6 महीने की इनकम बचाकर रखें। जैसे अगर आपका महीने का खर्च 20 हजार रुपए है तो इमरजेंसी फंड में 1.20 लाख होना चाहिए।
लाइफ इंश्योरेंस का कवर कम से कम सालाना इनकम का 20 गुना होना चाहिए। जैसे सालाना 5 लाख कमाई है, तो टर्म इंश्योरेंस 1 करोड़ का होना चाहिए।
सामान्य सेविंग अकाउंट में पैसा रखने पर रिटर्न बहुत कम मिलता है। Auto Sweep फीचर ऑन करने से आपका अतिरिक्त पैसा ऑटोमैटिकली FD में ट्रांसफर हो जाता है, जिससे ब्याज 5-7% तक बढ़ती है।
रिटायरमेंट के लिए सालाना खर्च का 25 गुना बचत करना चाहिए। जैसे आफ साल में 12 लाख रुपए खर्च कर रहे हैं तो रिटायरमेंट फंड 3 करोड़ रुपए होना चाहिए।
हर महीने कम से कम एक दिन ऐसा रखें, जब आप कुछ भी खर्च न करें। यह दिन आपको अपनी खर्च करने की आदतों को समझने और गैरजरूरी खर्चों को रोकने में मदद करता है।
सिर्फ सैलरी पर निर्भर न रहें। कोशिश करें कि साइड इनकम के जरिए अतिरिक्त पैसे कमाएं। यह फाइनेंशियल सुरक्षा बढ़ाता है और निवेश के लिए ज्यादा पैसा उपलब्ध कराता है।