भारत में प्राचीनकाल से ही योग काफी महत्वपूर्ण रहा है। 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस (International Yoga Day 2024) मनाएगी। इससे सेहत ही नहीं इकोनॉमी भी सुधरती है।
तन-मन को चुस्त-दुरुस्त रखने वाला योग अर्थव्यवस्था की सेहत भी सुधार रहा है। जिस तरह योग को लोग अपना रहे हैं, उससे योग इंडस्ट्री और योग इकोनॉमी को काफी फायदा हो रहा है।
दुनियाभर में योग के एक्टिव वियर, एसेसरीज, मैट्स, क्लब्स और योग सेंटर्स तेजी से खुल रहे हैं। इनका काफी विकास भी हुआ है। साल 2015 से योगा दिवस मनाए जाने के बाद काफी ग्रोथ हुआ है।
EMR की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 से लेकर 2032 तक योग कारोबार में हर साल 9% की ग्रोथ दिख सकती है। 2023 में योग का ग्लोबल मार्केट साइज करीब 115.43 अरब डॉलर था।
EMR की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2032 तक योग कारोबार में काफी ग्रोथ आएगी। इसका मार्केट साइज बढ़कर 250.70 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
योग इंडस्ट्री ऑफलाइन ही नहीं ऑनलाइन भी आगे बढ़ रही है। योग स्टूडियो, योग क्लब और जिम में योगा कोर्सेस की डिमांड है। कई सारे डिजिटल प्लेटफॉर्म ऑनलाइन योगा क्लासेस दे रहे हैं।
योगा का क्रेज जिस तरह बढ़ रहा है, उसे 'योग वेलनेस' को बढ़ावा मिल रहा है। प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में योग प्रोफेशनल्स में 72% महिलाएं ही हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में योगा क्लासेस इंडस्ट्री का रिवेन्यू करीब 2.6 अरब डॉलर तक है। जबकि योग इंडस्ट्री का साइज 80 अरब डॉलर है। कोरोना के बाद इसमें 154% ग्रोथ आई है।