चीन और ताइवान के कुछ हिस्सों में एक पुरानी परंपरा आज भी चली आ रही है। जहां विशेष धार्मिक अवसरों या अपनों की मौत के बाद नोट जलाए जाते हैं।
चीन-ताइवान के इन हिस्सों के लोगों का मानना है कि मरने के बाद उनके अपनों को किसी तरह की समस्या न हो, इसलिए वे नोट जलाते हैं। यह परंपरा हजारों साल पुरानी है।
मरने के बाद जो नोट जलाए जाते हैं वे असली नहीं बल्कि नकली होते हैं। इन नकली नोट को घोस्ट मनी कहा जाता है। जिसे जॉस पेपर, पिनयिन, शेड अथवा डार्क मनी के नाम से भी जानते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉस पेपर खुरदरे बाँसों से बनाए जाते हैं। ये वर्गाकार या चतुर्भुज आकार में होते हैं। इनका रंग सफेद होता है, मरने वालों के प्रति संवेदना दिखाते हैं।
जॉस पेपर के बीच में सोने या चांदी की एक वर्गाकार फ्वॉयल चिपकायी जाती है। इसे चीन और ताइवान के कुछ हिस्सों में धन-दौलत का संकेत माना जाता है।
नोट या जॉस पेपर को नॉर्मल नहीं जलाया जाता है। इसके भी कुछ नियम हैं। उन्हें आदर के साथ जलाया जाता है। जलाने के लिए मिट्टी के बर्तन या चिमनी का इस्तेमाल किया जाता है।
इस परंपरा में कुछ बदलाव हुए हैं। अब कागज की बजाय बैंक नोट, चेक, चीन की मुद्रा युआन, क्रेडिट कार्ड जलाए जाते हैं। इन नोटों के आगे जेड किंग, पीछे बैंक ऑफ हैल की तस्वीर होती है।