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रेल हादसे में मुआवजे का क्या है सिस्टम, जानें कब कितनी मिलती है मदद

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कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा

प. बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में कंचनजंगा ट्रेन के तीन डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक 7 शव मिले हैं।

Image credits: Instagram@Puneet loco pilot
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ट्रेन मुआवजा पाने के लिए क्या करें

आप या आपका कोई करीबी ट्रेन से सफर कर रहा है तो उसकी यात्रा खत्म होने तक उसके टिकट की डिटेल्स अपना पास रखें। बोर्डिंग पास-बैगेज टैग और कुछ डॉक्‍टूयमेंट की कॉपी की जरूरत पड़ती है।

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इंश्योरेंस का रखें ध्यान

ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो इंश्‍योरेंस जरूर कराएं। इंश्योरेंस प्रोवाइडर की हेल्पलाइन पर संपर्क करें। सरकार के मुआवजे के क्लेम के दौरान इंश्योरेंस प्रोवाइडर काफी हेल्प कर सकता है।

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इलाज का खर्च देगी सरकार

रेल हादसे में अस्‍पताल में 30 दिन से ज्यादा एडमिट रहने परखर्च सरकार देती है। यह मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है। खर्च डिस्चार्ज होने के 10 दिन पूरे होने पर दिया जाता है।

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रेल हादसे में कब नहीं मिलती सहायता राशि

रेलवे की गलती से हुए यात्री के नुकसान की जिम्मेदारी रेलवे की होती है लेकिन रेलवे स्‍टेशन पर करंट लगने से मौत होने पर सहायता राशि नहीं दी जाती है। इसके लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं।

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ट्रेन एक्सीडेंट में घायल होने पर कितना मुआवजा

अगर रेल हादसे में यात्री को चोट लग जाती है या वह घायल हो जाता है तो रेलवे की ओर से दो लाख रुपए की मदद दी जाती है।

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ट्रेन हादसे में विकलांग होने पर कितनी आर्थिक मदद

रेल हादसे में विकलांग होने पर 7.5 लाख तक की मदद मिलती है। पूरी तरह से विकलांग होने पर 10 लाख तक की मुआवजा राशि दी जाती है।

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रेल हादसे में मौत होने पर कितना मुआवजा

अगर ट्रेन से सफर करते समय कोई हादसा हो जाता है तो उस यात्री की मौत हो जाती है तो सरकार की तरफ से 10 लाख की मुआवजा राशि उसके परिवार को दी जाती है।

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रेल हादसे के मुआवजे के लिए कैसे अप्लाई करें

IRCTC की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर यात्री की डिटेल्स भरें। टिकट और डॉक्यूमेंट्स की जानकारी दें। आवेदन के 15 दिनों बाद इसकी जांच होगी। ऐसा न होने पर शिकायत कर सकते हैं।

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