प. बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में कंचनजंगा ट्रेन के तीन डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक 7 शव मिले हैं।
आप या आपका कोई करीबी ट्रेन से सफर कर रहा है तो उसकी यात्रा खत्म होने तक उसके टिकट की डिटेल्स अपना पास रखें। बोर्डिंग पास-बैगेज टैग और कुछ डॉक्टूयमेंट की कॉपी की जरूरत पड़ती है।
ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो इंश्योरेंस जरूर कराएं। इंश्योरेंस प्रोवाइडर की हेल्पलाइन पर संपर्क करें। सरकार के मुआवजे के क्लेम के दौरान इंश्योरेंस प्रोवाइडर काफी हेल्प कर सकता है।
रेल हादसे में अस्पताल में 30 दिन से ज्यादा एडमिट रहने परखर्च सरकार देती है। यह मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है। खर्च डिस्चार्ज होने के 10 दिन पूरे होने पर दिया जाता है।
रेलवे की गलती से हुए यात्री के नुकसान की जिम्मेदारी रेलवे की होती है लेकिन रेलवे स्टेशन पर करंट लगने से मौत होने पर सहायता राशि नहीं दी जाती है। इसके लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं।
अगर रेल हादसे में यात्री को चोट लग जाती है या वह घायल हो जाता है तो रेलवे की ओर से दो लाख रुपए की मदद दी जाती है।
रेल हादसे में विकलांग होने पर 7.5 लाख तक की मदद मिलती है। पूरी तरह से विकलांग होने पर 10 लाख तक की मुआवजा राशि दी जाती है।
अगर ट्रेन से सफर करते समय कोई हादसा हो जाता है तो उस यात्री की मौत हो जाती है तो सरकार की तरफ से 10 लाख की मुआवजा राशि उसके परिवार को दी जाती है।
IRCTC की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर यात्री की डिटेल्स भरें। टिकट और डॉक्यूमेंट्स की जानकारी दें। आवेदन के 15 दिनों बाद इसकी जांच होगी। ऐसा न होने पर शिकायत कर सकते हैं।