मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन से लौटते ही भारत विरोधी फैसले लेने पर उतारू हो गए हैं। मुइज्जू ने भारत पर मालदीव की निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
मुइज्जू ने कहा है कि हमारा देश भले ही छोटा है, लेकिन कोई हमें डरा-धमका नहीं सकता। हमसे पहले वाली सरकार हर एक योजना के लिए एक खास देश पर डिपेंड थी, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे।
मुइज्जू ने भारत पर मालदीव की डिपेंडेंसी कम करने के लिए कई फैसले लिए हैं। हालांकि, इसका सीधा असर मालदीव की जनता को भुगतना पड़ेगा।
मालदीव भारत पर मुख्य रूप से अनाज, दवाइयाों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के लिए निर्भर है। चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने मालदीव की जनता का इलाज थाईलैंड और UAE में कराने को कहा है।
मुइज्जू ने कहा- किसी खास देश में मालदीव की सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना को उपलब्ध कराने की जगह हम बेहतर क्वालिटी वाले देशों जैसे UAE और थाइलैंड में इसका विस्तार करेंगे।
मुइज्जू ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि पिछली सरकार हर एक फैसले के लिए एक खास देश पर डिपेंड थी। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
मुइज्जू ने कहा कि खाद्यान्न के लिए अब हम किसी एक देश पर डिपेंड न होकर तुर्की से आयात करेंगे। इसके लिए हमले कई देशों के साथ समझौते भी किए हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि हम दवाइयों का आयात अब सीधे यूरोप और अमेरिकी देशों से करेंगे। चूंकि इन देशों में दवाओं का उत्पादन किया जाता है, इसलिए हमें सस्ती मेडिसिन मिलेगी।
बता दें कि मुइज्जू सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त को बुला कर मालदीव में मौजूद भारत के सैनिकों को 25 मार्च तक लौटने का अल्टीमेटम दिया है।