अगर नई-नई शादी हुई है तो 30 दिन के अंतर मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना चाहिए। हालांकि, एक्स्ट्रा फीस के साथ 5 साल तक शादी रजिस्टर्ड करवाई जा सकती है।
मैरिज रजिस्ट्राट के पास अप्लाई करना होगा। अपॉइंमेंट मिलने पर जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ तय तारीख पर रजिस्टार के पास जाना होगा। राज्य की सरकारी वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्टर करवा सकते हैं।
दो गवाहों के अलावा एप्लिकेशन फॉर्म, एड्रेस प्रूफ, एज सर्टिफिकेट, आईडी कार्ड, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो, शादी की जॉइंट फोटो, वेडिंग कार्ड,
सरकारी या प्राइवेट कहीं भी जॉब करने के दौरान मैरिटल स्टेटस में मैरिड ऑप्शन चुनते हैं तो शादी के सबूत के तौर पर मैरिज सर्टिफिकेट ही बनता है।
केंद्र या राज्य सरकार की ऐसी योजनाएं जो पति-पत्नी के लिए हैं, उनके लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। पति की मौत के बाद पत्नी को सरकारी योजनाओं का लाभ इसी के आधार पर मिलता है।
पति या पत्नी के खिलाफ घरेलू हिंसा से जुड़ी FIR के लिए मैरिज सर्टिफिकेट ही आधार बनता है। तलाक के आवेदन के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है।
किसी दूसरे देश की परमानेंट नागरिकता लेना चाहते हैं तो इसके लिए कपल को मैरिज सर्टिफिकेट दिखना होता है।
बैंक में जॉइंट अकाउंट खुलवाने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट को आधार बनाया जा सकता है।