कार लोन देने वाली पॉलिसी कितने सिबिल स्कोर पर लोन देगी, यह उस पर निर्भर करता है। सिबिल स्कोर के अलावा इनकम, कर्ज, जॉब और डाउन पेमेंट के अनुसार, कार लोन और ब्याज तय होता है।
सभी कंपनियां कार लोन देने के लिए अलग-अलग नियम फॉलो करती हैं। दूसरे फैक्टर्स को इग्नोर कर दिया जाए तो लोन देने वाली ज्यादातर संस्थाएं 700 से ज्यादा सिबिल स्कोर को बेहतर मानती हैं।
700 से ज्यादा सिबिल स्कोर होने का मतलब होता है कि लोन लेने वाला उसे चुकाने की इच्छा रखता है। सिबिल स्कोर किसी के लोन चुकाने की हिस्ट्री पर ही बनता है। इसलिए इसे अच्छा माना जाता है।
कंपनियां ब्याज दर अपने हिसाब से तय करती हैं। अगर सिबिल या क्रेडिट स्कोर ज्यादा है तो उसे कम ब्याज दर पर लोन मिलता है। कम सिबिल पर ज्यादा ब्याज बैंक या कंपनियां लेती हैं।
अगर आप कार लोन लेने जा रहे हैं और आपका क्रेडिट या सिबिल स्कोर 700 से कम है, तब भी आपको कार लोन आसानी से मिल सकता है लेकिन तब ब्याज ज्यादा चुकानी होगी और शर्तें भी कड़ी होंगी।
कम सिबिल स्कोर पर लोन लेना मुश्किल हो जाता है। ज्यादा कम सिबिल स्कोर होने पर तो लोन ही नहीं मिलता है। ऐसे में जिस वजह से सिबिल स्कोर खराब हुआ है, उसे सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
सिबिल ठीक करने के लिए समय पर लोन की EMI चुकाएं। आउटस्टैंडिंग कर्ज को कम करने की कोशिश करें। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को सुधारें। इससे सिबिल स्कोर अच्छा होगा।