19 अप्रैल, 1957 को यमन में पैदा हुए मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के तमाम बड़े फैसले चुटकियों में निपटाते हैं, लेकिन बावजूद इसके उन्हें एक चीज से बहुत डर लगता है। जानतें हैं क्या?
मुकेश अंबानी का नेचर काफी शर्मीला है। यही वजह है कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल होने के बावजूद वो काफी सादगीभरा जीवन जीते हैं।
एक इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने खुद कबूल किया था कि वे स्वभाव से काफी शर्मीले हैं और पब्लिक स्पीकिंग से उन्हें बेहद डर लगता है।
अपने शर्मीले स्वभाव के चलते ही मुकेश अंबानी मीडिया में भी काफी कम नजर आते हैं। इसके साथ ही वो सोशल मीडिया पर भी ज्यादा एक्टिव नहीं हैं।
पिता धीरुभाई अंबानी के साथ लंबे समय तक काम करने की वजह से मुकेश अंबानी पर उनका काफी असर दिखता है। मुकेश अक्सर अपनी स्पीच में अपने पिता की सीखों का जिक्र करते हैं।
पिता धीरुभाई का बिजनेस संभालने के लिए मुकेश को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। मुकेश उस वक्त स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई कर रहे थे।
हालांकि, एक दिन उनके पिता धीरुभाई अंबानी ने कहा कि वो पॉलिएस्टर यार्न प्लांट शुरू करने वाले हैं। इसके बाद मुकेश अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए।
मुकेश के पिता धीरुभाई चाहते थे कि उनका बेटा जल्द से जल्द नए बिजनेस को संभाल ले, क्योंकि वो जानते थे कि मुकेश अंबानी का दिमाग कैल्कुलेशन में बहुत तेज चलता था।
मुकेश 1981 में रिलायंस ग्रुप से जुड़े। शुरुआत में उन्होंने पॉलिएस्टर फाइबर और पेट्रोकेमिकल का काम देखा। आज वो रिलायंस इंडस्ट्रीज को भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बना चुके हैं।