फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसमें तय रिटर्न मिलता है। हालांकि, एफडी कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे ज्यादा फायदा पा सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस चुकाना पड़ता है। ऐसे में एफडी से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल कमाई में जु़ड़ जाएगी। लिहाजा आपको ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।
अगर आप अपने नाम की बजाय पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो काफी टैक्स बचा सकते हैं। इससे कई अन्य फायदे भी मिलते हैं।
ज्यादातर महिलाएं या लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं या हाउसवाइफ होती हैं। हाउसवाइफ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। ऐसे में पत्नी के नाम एफडी कराकर TDS और ज्यादा टैक्स से बच सकते हैं।
अगर एफडी पर एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपए से ज्यादा का ब्याज मिल रहा है तो 10% का टीडीएस देना पड़ता है। अगर पत्नी की इनकम कम है तो वे फॉर्म 15G भरकर टीडीएस से बच सकती हैं।
अगर पत्नी के साथ जॉइंट एफडी करवा रहे हैं तो बीवी को ही फर्स्ट होल्डर बनाएं। इससे भी आप टीडीएस भरने से बच जाएंगे और आपको ज्यादा टैक्स भी नहीं देना पड़ेगा।
एफडी पर आसानी से और कम ब्याज पर लोन मिल जाता है। 5 साल की एफडी पर इनकम टैक्स पर छूट मिल जाता है। बैंक सीनियर सिटीजन को फिक्स डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देते हैं।