पढ़ाई-लिखाई, किताबें और रहन-सहन के लिए एजुकेशन लोन मिलता है। ग्रेजुएट से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए यह मिलता है।
कार खरीदने पर जो लोन बैंक देते हैं, उसे कार लोन और सोने के आभूषण को बदले जो लोन दिए जाते हैं उसे गोल्ड लोन कहते हैं।
घर की मरम्मत, पुताई या डिजाइन बदलने के लिए बैंक होम रेनोवेशन लोन देता है। इलेक्टॉनिक आइटम्स, फर्नीचर खरीदने पर भी बैंक लोन देता है। लोन की राशि पर ब्याज तय होती है।
बिना कोई कोलैटरल के अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन बैंक जारी करते हैं। यह लोन कमाई और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है। क्रेडिट कार्ड पर बैंक लोन जारी करता है। इसकी राशि पहले तय होती है।
नया कारोबार या बिजनेस को बढ़ाने में जो लोन मिलता है, उसे बिजनेस लोन कहते हैं। कुछ गिरवी रखने पर जो बैंक लोन देते हैं उन्हें कोलैटरल लोन कहते हैं। इनकी ब्याज दर कम होती है।
बैंक किसी ग्राहक को पहले ही अप्रूव्ड कर इस तरह का लोन देते हैं। बैंक इसके लिए एक क्रेडिट लाइन तय करते हैं। जितना पैसा इस्तेमाल करेंगे, उसी पर ब्याज लगेगा।
सिर्फ नौकरी करने वालों को यह लोन मिलता है। सैलरी आने से पहले एडवांस लोन ले सकते हैं। इसकी ब्याज ज्यादा होती है। कुछ एम्प्लॉयर भी एडवांस सैलरी का ऑप्शन देती हैं।
वेडिंग के लिए बैंक लोन देते हैं। इसमें वेन्यू बुकिंग, कैटरिंग, डेकोरेशन और कपड़ों जैसे खर्चे शामिल हैं। फ्लाइट टिकट, होटल, वीजा फीस, अन्य खर्चों के साथ घूमने का लोन भी मिलता है।
किसी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल के खर्चे के लिए या ऑपरेशन में लगने वाले पैसों के लिए यह लोन मिलता है। इसमें अस्पताल खर्च, सर्जरी समेत अन्य मेडिकल खर्चें शामिल हैं।
अगर कई तरह का लोन चल रहा है तो सभी को मिलाकर एक लोन में बदलवा सकते हैं। शॉर्ट टर्म लोन में कम अमाउंट डिस्बर्स होते हैं। इमरजेंसी के लिए इनका यूज कर सकते हैं।
यह किसी बिजनेस या पर्सनल व्यक्ति को दिया जाता है। इसमें पहले ही लोन की राशि तय होती है। कस्टमर्स जरूरत के हिसाब से पैसा निकालता है, उसी हिसाब से ब्याज दर तय होती है।
कोरोनाकाल में लोन ऐप्स की डिमांड बढ़ी। इन ऐप्स पर तत्काल लोन मिल जाता है। डिजिटल तरीके से इसकी पूरी प्रक्रिया होती है। डॉक्यूमेंट से प्रोसेसिंग तक पूरा काम हो जाता है।