इनकम टैक्स सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। इसमें अधिकतम छूट 2 लाख तक की है। प्रॉपर्टी किराये पर दिया है तो पूरे ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी।
इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर टैक्स छूट का क्लेम कर सकते हैं। यह सालाना छूट 1.5 लाख रुपए तक हो सकती है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ही प्रॉपर्टी खरीदते समय दिया गया रजिस्ट्रेशन फीस भी इनकम टैक्स छूट दिलाता है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80EE के तहत पहली बार घर खरीदने पर एक्स्ट्रा छूट मिल सकती है। सेक्शन 24b में 2 लाख की छूट के ऊपर 50,000 तक एक्स्ट्रा छूट होम लोन के ब्याज पर पा सकते हैं।
अगर आपकी प्रॉपर्टी जॉइंट तौर पर ली गई है या किसी के साथ जॉइंट बॉरोअर बनकर जॉइंट होम लोन आपने लिया है तो दोनों ही मालिक अलग-अलग टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।
अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए टैक्स डिडक्शन क्लेम एक साल में 2 लाख तक के ब्याज और सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
ब्याज पर ये छूट घर का कन्स्ट्र्क्शन पूरा हो जाने के बाद ही लिया जा सकता है। इसके लिए कन्स्ट्रक्शन का पांच साल पूरा होना अनिवार्य है।
ये डिडक्शन 5 किस्तों में क्लेम कर सकते हैं। अगर 5 साल में घर नहीं बन पाया है तो अब तक जितना ब्याज चुकाया है, उस पर 30,000 रुपए की छूट पा सकते हैं।