PPF लॉन्ग टर्म स्कीम उन लोगों के लिए बेहतर है जो सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न के साथ मोटा पैसा बनाना चाहते हैं। SIP से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, हालांकि, थोड़ा जोखिम भरा है।
पीपीएफ 15 साल बाद मैच्योर होती है। इसके बाद 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंशन करा सकते हैं। एसआईपी का निश्चित मैच्योरिटी पीरियड नहीं है। अपनी मर्जी से जब तक चाहे निवेश कर सकते हैं
पीपीएफ में 7.1% के हिसाब से ब्याज मिलता है। कंपाउंडिंग का फायदा मुनाफा बढ़ा देता है। मार्केट लिंक्ड होने से SIP में गारंटीड रिटर्न नहीं लेकिन इसका औसतन रिटर्न 12% माना जाता है।
पीपीएफ में न्यूनतम 500 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख तक सालाना जमा कर सकते हैं। वहीं, SIP में 100, 500 रुपए से शुरुआत कर सकते हैं और निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है।
PPF टैक्स सेविंग के लिहाज से अच्छा होता है। इसमें EEE कैटेगरी का इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट है। SIP में रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का बेनिफिट्स मिलता है। मार्केट उतार-चढ़ाव का असर नहीं होता।
पीपीएफ अकाउंट सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवा सकते हैं। वहीं, SIP मार्केट लिंक्ड है, इसके जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसे डिमैट अकाउंट खोलकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
पीपीएफ में तय ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है। जबकि SIP में कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है। जितनी लंबी एसआईपी होगी, उतना ही ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा।
15 साल तक 5-5 हजार मंथली PPF और SIP में निवेश करें तो दोनों में कुल निवेश 9 लाख होगी। पीपीएफ में 7.1% के हिसाब से मैच्योरिटी 16,27,284 रुपए और SIP में 12% से 25,22,880 रु. मिलेंगे