टॉप-अप होम लोन (Top Up Home Loan) से कस्टमर अपने मौजूदा लोन अमाउंट के अलावा और भी लोन यानी कर्ज ले सकते हैं।
टॉप अप लोन पर कस्टमर को मौजूदा बैंक से अच्छी डील मिल जाती है। इससे लोन का कुल खर्चा भी कम हो जाता है।
टॉप अप होम लोन पहले से चल रहे कर्ज को मैनेज करने का अफोर्डेबल सॉल्यूशन है।
अगर आप लोन भरने का समय कम चुनते हैं तो टॉप-अप होम लोन्स काफी फायदेमंद हो सकता है।
टॉप-अप होम लोन की अवधि अलग-अलग हर बैंक में अलग होती है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 30 साल तक की अवधि के लिए टॉप-अप होम लोन ऑफर करता है।
टॉप अप होम लोन पर ब्याज रेगुलर होम लोन की रेट्स से थोड़ा ज्यादा होता है। हालांकि, यह कस्टमर की प्रोफाइल पर डिपेंड करता है।
होम लोन और टॉप-अप होम लोन के ब्याज दर के बीच का अंतर आमतौर पर 1 से लेकर 2 प्रतिशत का ही होता है।
अगर कस्टमर बिना EMI मिस किए 12 महीने तक होम लोन चुकाता है तो वह होम लोन पर टॉप-अप लेने के लिए एलिजिबल हो जाता है।
बैंक सेंक्शन होने वाली रकम रेगुलर होम लोन में पेमेंट की गई मंथली इन्स्टॉलमेंट पर निर्भर करती है। इससे पर्सनल लोन के लिए अलग से अप्लाई नहीं करना पड़ता है।
कई बार होम लोन के अलावा कुछ एक्स्ट्रा खर्चे आ जाते हैं, जिन्हें पूरा करने में टॉप अप होम लोन मदद कर सकता है।