आजकल बड़े शहरों में प्लॉट लेकर घर बनवाने का ट्रेंट चल रहा है। फ्लैट खरीदने के लिए होम लोन आसान होता है लेकिन अपनी जमीन पर घर बनवाने के लिए कंस्ट्रक्शन होम लोन पाना थोड़ा मुश्किल
कंस्ट्रक्शन होम लोन फ्लैट या रेडी टू मूव होम लोन से अलग है। इसमें रकम, ब्याज दर, नियम, EMI में अंतर होता है। होम लोन का पैसा बिल्डर, कंस्ट्रक्शन का पैसा ग्राहक को मिलता है।
जिस जमीन पर मकान बनाने जा रहे, उसकी रजिस्ट्री आपके नाम होनी चाहिए। जमीन के पेपर, जमीन विवादित या उस पर कोई बकाया नहीं है इसका सर्टिफिकेट देने के बाद ही बैंक लोन देते हैं।
जमीन के कागजात के अलावा केवाईसी और इनकम प्रूफ, मकान का प्लान और लेआउट, लोकल अथॉरिटी से अप्रूवल, पूरा खर्च, आर्किटेक्ट इंजीनियर से सर्टिफाई डॉक्यूमेंट्स बैंक को देने होते हैं।
दस्तावेज सही होने के बाद बैंक प्लॉट का निरीक्षण करता है, इसके बाद लोन अप्रूव होता है। इसका पूरा पैसा एक साथ नहीं मिलता है। कंस्ट्रक्शन पूरा होने के साथ बैंक पैसा देते हैं।
जब तक आपकी जमीन पर मकान बनना शुरू नहीं होता, बैंक पैसा नहीं देता है। कंस्ट्रक्शन शुरू होते ही बैंक कर्मचारी भेजकर प्रमाणित कराएगा, फिर फोटो और सर्टिफिकेट के बाद लोन का पैसा आएगा।
कंस्ट्रक्शन लोन के लिए अमूमन होम लोन जितना ही टेन्योर मिलता है। LIC होम फाइनेंस में 9.10% ब्याज पर 30 साल तक, HDFC बैंक 9% की शुरुआती ब्याज दर पर 30 साल तक लोने देता है।
कंस्ट्रक्शन होम लोन प्रॉपर्टी की वैल्यू के हिसाब से मिलता है। मतलब जिस जमीन पर मकान बनाने जा रहे, उसकी कीमत का 80-90% लोन मिल सकता है।
कंस्ट्रक्शन होम लोन की ईएमआई आपकी सैलरी का 40-45 परसेंट ही होना चाहिए। इससे ज्यादा की ईएमआई बैंक एक्सेप्ट नहीं करते हैं। वहीं, लोन लेने से पहले अपना सिबिल स्कोर भी अच्छा रखें।