जुलाई 2017 में केंद्र सरकार ने GST की शुरुआत की। इससे इनडायरेक्ट टैक्सेज इंटीग्रेटेड नेशनवाइड टैक्स सिस्टम से बदल गया। सिंगल इंडियन मार्केट को बढ़ावा मिला।
आधार कार्ड, UPI और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने जैसी मोदी सरकार की पहल से भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था (Digital Economy) बनकर उभरा है।
इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की गई। इससे टैक्स इंसेंटिव्स, आसान अनुपालन और फंडिंग मदद की पेशकश की गई।
साल 2014 में मेक इन इंडिया (Make In India) की शुरुआत की गई। जिसका मकसद घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना था।
मोदी सरकार ने कई बैंकिंग सुधार किए हैं। इससे मजबूत संस्थाएं बनी हैं और पब्लिक सेक्टर के बैंकों का विलय और नॉन-परफार्मिंग असेट्स (NPA) के इश्यूज भी सॉल्व हुए हैं।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) से देशभर में हर किसी के पास बैंकिंग सेवाएं पहुंची हैं। लाखों लोगों को इस योजना ने फॉर्मल फाइनेंशियल सिस्टम में ला दिया है।
पोर्ट्स के मॉडर्नाइजेशन के लिए 'सागरमाला' प्रोजेक्ट, सड़क डेवलपमेंट के लिए 'भारतमाला' जैसे आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को सुधारने पर भी फोकस रहा है।
कोरोना जैसी महामारी के जवाब में मोदी सरकार ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण सेक्टर्स में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत की।
ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित करने और आर्थिक विकास के लिए रक्षा, खुदरा और बीमा सहित कई क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को आसान बनाया गया है।
मोदी सरकार ने विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में देश की रैंकिंग सुधारने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसमें 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्टअप इंडिया' 'जीएसटी' शामिल है।