वकील बाबू के नाम से मशहूर लक्ष्मणराव इनामदार की पीएम मोदी के जीवन में अहम भूमिका रही है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है।
'मन की बात' के 100वें एपिसोड, 2017 में गुजरात के एक कार्यक्रम और अपनी किताब 'सेतुबंध' पीएम मोदी लक्ष्मणराव का जिक्र कर चुके हैं। उन्हें प्रेरणास्रोत बताया है।
1960 के बाद दो दशक में RSS को गुजरात के घर-घर तक पहुंचाने में लक्ष्मणराव का बड़ा योगदान रहा। उन्हें गुजरात RSS का फाउंडिंग फादर भी कहा जाता है।
लक्ष्मणराव इनामदार का जन्म 19 सितंबर 1917 में महाराष्ट्र में हुआ था। पुणे यूनिवर्सिटी से वकालत की डिग्री के बाद RSS प्रचारक बने। आजादी की लड़ाई में अहम योगदान रहा।
वकील साहब द्वारा चलाई जा रही संघ की वडनगर शाखा में 8 साल की उम्र से ही मोदी जाया करते थे। यहीं उन्होंने लक्ष्मणराव को बोलते हुए सुना औऱ उनके मुरीद हो गए।
मोदी कम उम्र में ही वकील साहब के सानिध्य में काम करने लगे। जब मोदी को जिम्मेदारियां मिली तो उनसे दूर हो गए लेकिन 1974 में लक्ष्मणराव ने मोदी को वापस बुला लिया।
बायोग्राफी में मोदी ने बताया, '1974 में नवनिर्माण आंदोलन के दौरान वकील साहब ने RSS अहमदाबाद भवन में रहने को कहा। जहां मेरी दिनचर्या चाय बनाने से शुरू होती थी।'
अपनी किताब में मोदी बताते हैं, 'वकील साहब से मैंने अनुशासन और मेलजोल के गुण सीखें। सफर लंबा नहीं चला। 1983 में कैंसर से वकील साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया।'
मोदी की जिंदगी में वकील साहब की क्या भूमिका रही, इसका पता लोगों को 22 साल पहले तब चला, जब 18 अगस्त 2001 को पीएम ने गुरु के जीवन पर लिखी किताब 'सेतुबंध' आई।