Hindi

बचपन में क्यूट-जवानी में हैंडसम, 10 तस्वीरें देखिए-हीरो थे रतन टाटा

Hindi

भारत ने खोया प्रिय रतन

 टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और भारत के जाने माने बिजनेसमैन रतन टाटा Ratan Tata Dies) अब नहीं रहे। बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली

Image credits: social media
Hindi

पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति तक दुखी

रतन टाटा के निधन से हर भारतीय दुखी है। पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति और एक आम आदमी ने दुख जताया है। सोशल मीडिया पर उनको लेकर भावुक पोस्ट शेयर कर रहे हैं।

Image credits: social media
Hindi

रतन टाटा को बचपन में मिला दुख

रतन टाटा की तस्वीर उस वक्त की है, जब वह स्कूल में पढ़ते थे। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। बचपन  में ही उनके माता-पिता अलग हो गए थे। दादी ने उनका पालन-पोषण किया था।

Image credits: social media
Hindi

अमेरिका से रतन टाटा ने की पढ़ाई

Ratan Tata की तस्वीर यह उस वक्त की है जब वह हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी गए थे। वहां से उन्होंने से बी.आर्क की डिग्री प्राप्त की थी।

Image credits: social media
Hindi

इंसानियत की मिसाल थे रतन टाटा

रतन टाटा की इंसानियत की मिसाल हर भारतीय जानता है। उनका लगाव गरीबों और बेजुबानों जानवरों से अधिक था, वे जानवरों खासकर कुत्तों के लिए कई बार सोशल मीडिया पर अपील कर चुके थे।

Image credits: social media
Hindi

1991 में थामी थी टाटा ग्रुप की कमान

बता दें कि रतन टाटा ने टाट ग्रुप की जो भी कंपनी शुरू की वह आसमान की ऊंचाइयों तक गई। उन्होंने साल 1991 में उन्होंने टाटा ग्रुप की कमान थामी थी।

Image credits: social media
Hindi

रतन टाटा ने दो साल की नौकरी

रतन टाटा  ने टाटा ग्रप की कमान संभालने से पहले  2 साल तक लॉस एंजिल्स में नौकरी भी की थी। यह जॉब उन्होंने के लिए की थी। जब उनकी दादी नवाजबाई टाटा की तबीयत खराब हो गई तो वह भारत आ गए

Image credits: social media
Hindi

रतन टाटा जब लेकर आए लखटकिया

रतन टाटा ने हर भारतीय को सपना पूरा करने के लिए बिजनेस किया। वह लखटकिया यानि एक लाख रूप वाली नैनो कार लेकर आए थे।

Image credits: social media
Hindi

विदेशों में भी रतन टाटा का सम्मान

रतन टाटा का सम्मान सिर्फ भारतीय ही नहीं, विदेशों में भी होता था। उन्होंने ईमानदारी से इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया की साल 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण दिया गया।

Image Credits: social media