लोकसभा चुनाव के रिजल्ट वाले दिन Share Market में बड़ी गिरावट आई। उस दिन सेंसेक्स ने 1700 अंक टूटा था। दोपहर 12.20 बजे तक तो ये 6094 अंक तक फिसलकर 70,374 पर पहुंच गया था।
कोरोना महामारी के चलते सेंसेक्स 3,935 अंक टूटा था। लॉकडाउन की आशंका से बाजार ठप हो गया था।
कोरोना के बढ़ने और यस बैंक संकट की वजह से सेंसेक्स 2,919 अंक नीचे आ गया था। तब 10% का लोअर सर्किट लगा था और ट्रेडिंग रोक दी गई थी।
तेल की कीमतों में गिरावट और कोविड-19 की चिंता की वजह से सेंसेक्स 1,941 अंक लुढ़क गया था।
कोरोना के बढ़ते मामलों से बाजार सहम गया था और सेंसेक्स 1,448 अंक गिर गया था।
बजट के बाद अनिश्चितता और वैश्विक संकेतों के चलते सेंसेक्स में करीब 1,000 अंकों की गिरावट आई थी।
बजट निराशा और आर्थिक मंदी की आशंका के चलते सेंसेक्स करीब 2,100 अंक गर गया था।
आर्थिक सुस्ती और वैश्विक अनिश्चितता को लेकर शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई और सेंसेक्स को 987 अंक टूट गया था।
चीन की मंदी और रुपए की कमजोरी से बाजार बुरी तरह टूट गया था। सेंसेक्स 1,624 अंक लुढ़क गया था।
लेहमन ब्रदर्स के बिखरने की वजह से दुनियाभर के बाजारों की कमर टूट गई। 21 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स 1,408 अंक गिर गया था।
किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।