आज हफ्ते के पहले कारोबारी दिन स्टॉक बाजार में बड़ी गिरावट आई है। सेंसेक्स 1,500 से ज्यादा अंक और निफ्टी 500 से ज्यादा अंक गिरकर धराशाई हो गए। एक झटके में 10 लाख करोड़ डूब गए।
लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट के बाद शेयर बाजार में हाहाकार मच गया था। BSE के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स दोपहर 12.20 बजे तक 6,094 अंक तक फिसल गया था। 30 लाख करोड़ रुपए डूब गए थे।
कोविड-19 के दौरान दुनियाभर के शेयर मार्केट में कत्लेआम मच गया था। जिस दिन WHO ने वायरस को महामारी घोषित किया उसके एक हफ्ते में सेंसेक्स 42,273 अंक से गिरकर 28,288 पर आ गया था।
2015-16 में दुनियाभर के शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट हुई। भारतीया बाजार फरवरी 2016 तक 11 महीनों में करीब 26% गिरा था। इसका कारण भारतीय बैंकों का NPA ज्यादा और वैश्विक कमजोरी थी।
24 अगस्त, 2015 को सेंसेक्स 1624 अंक टूटा था। इसका कारण चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका थी। युआन में गिरावट से बाकी मुद्राएं भी गिरीं और शेयों की खूब बिक्री हुई थी।
2008 के वित्तीय संकट ने बिजनेस, अर्थव्यवस्थाओं और शेयर बाजारों पर बुरा असर डाला था। 21 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स करीब 1408 अंक गिरा था। उस दिन को ब्लैक मंडे के नाम से जानते हैं।
1992 में भारतीय शेयर बाजार के बिग बुल हर्षद मेहता घोटाले की वजह से शेयर बाजार में भयंकर गिरावट आई थी। एक साल के दौरान सेंसेक्स में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट हुई थी।
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।