धनतेरस पर सोना के गहने खरीदने वाले हैं तो आपके लिए हॉलमार्क और इसके नंबर को जानना जरूरी हो सकता है। गहना खरीदने के समय सोने की शुद्धता सबसे अधिक मायने रखती है।
हॉलमार्क से पता चलता है कि गहना कितना शुद्ध है। उसमें सोने की मात्रा कितनी है। अगर गहने के हॉलमार्क पर 916 लिखा है तो इसका मतलब है कि वह 22 कैरेट का है।
हॉलमार्क पर 958 है तो वह गहना 23 कैरेट सोने का है। इसी तरह 750 अंक का मतलब है कि सोना 18 कैरेट का है।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 2000 में BIS हॉलमार्किंग योजना शुरू की थी। 23 जून 2021 से पूरे भारत में सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई।
हॉलमार्क से पता चलता है कि गहने को लाइसेंस प्राप्त लैब द्वारा सत्यापित किया गया है। इससे खरीदारों को शुद्ध सोने की पहचान करने में मदद मिलती है।
सोने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उसे खरीदने से पहले हॉलमार्क की पहचान जरूरी है। इसके लिए हॉलमार्क की कई बातों पर ध्यान देना चाहिए।
देखें कि गहना पर BIS लोगो है या नहीं। यह अनिवार्य है। BIS के तहत पंजीकृत ज्वैलर्स को इसे हॉलमार्किंग के एक भाग के रूप में रखना होता है।
BIS लोगो के आगे, कैरेट में शुद्धता बताई जाती है। इससे खरीदार आसानी से पता लगा सकते हैं कि धातु कितनी शुद्ध है।
सोने की शुद्धता की जांच करने वाले केंद्र का लोगो या नंबर भी हॉलमार्किंग का हिस्सा है। इससे पता चलता है कि केंद्र को सोने की शुद्धता की जांच करने का लाइसेंस है या नहीं।
BIS के तहत रजिस्टर्ड हर ज्वैलर का अपना चिह्न या नंबर होता है। इसे हर गहना पर लगाना अनिवार्य है। यह हॉलमार्किंग योजना का भी एक हिस्सा है।
यह छह अंकों की संख्या है जो हॉलमार्क सही है या नहीं पता करने में मदद करती है। आप BIS CARE ऐप की मदद से इस नंबर की जांच कर सकते हैं।