वॉरेन बफेट 11 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ दुनिया के 6वें सबसे अमीर शख्स हैं। इनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे का एपल, कोका-कोला समेत दुनिया की 41 कंपनियों में करीब 24 लाख करोड़ निवेश है।
28 अगस्त 2024 को बर्कशायर हैथवे 1 ट्रिलियन डॉलर (84 लाख करोड़) मार्केट कैप वाली अमेरिका की पहली नॉन-टेक कंपनी बन गई है। यह सबसे ज्यादा कैश (16 लाख करोड़) रखने वाली कंपनी है।
पिता हॉवर्ड बफेट स्टॉक ब्रोकर थे। उनकी वजह से वॉरेन का बचपन से ही स्टॉक्स में इंस्ट्रेस्ट था। 6 साल की उम्र में गोल्फ बॉल, पॉपकॉर्न, मूंगफली बेच 120 डॉलर जुटाए, इसी से शेयर खरीदें।
11 साल के बफेट ने 1942 में बहन डोरिस के साथ अमेरिकी पेट्रोलियम कंपनी सिटीज सर्विस के 3 शेयर खरीदे। 3 महीने बाद शेयरों के दाम गिर गए। बहन के दबाव के बावजूद बफेट ने शेयर नहीं बेचे।
पहली बार जब शेयर के दाम गिरे तो बहन बेचने का दबाव बनाने लगी लेकिन वॉरेन बफेट ने इंतजार करने की सोची और 4 महीने बाद इन शेयरों से 5 डॉलर का इजाफा हो गया।
वॉरेन बफेट 56 की उम्र में अरबपति बने। उन्होंने 99% संपत्ति 50 साल की उम्र के बाद ही बनाई। उन्होंने पैसे से पैसा बनाने की ताकत को समझा और 'कंपाउंडिंग' के दम पर अरबपति बन गए।
वॉरेन बफेट की उम्र जब 21 साल थी तो उनके पास 20,000 डॉलर की संपत्ति थी, जो 26 साल की उम्र में 7 गुना बढ़कर 1.40 लाख डॉलर पहुचं गई। 30 की उम्र में उनके पास 10 लाख डॉलर थे।