चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग G20 में शामिल होने भारत नहीं पहुंचे। उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग आए। कियांग ने यहां इटली की PM जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात की।
चीन के पीएम कियांग ने इटली की पीएम मेलोनी से मिलकर दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की। ली कियांग ने मेलोनी से कहा कि वे इटली में इन्वेस्ट करें।
हालांकि, इटली और चीन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इटली ने हाल ही में चीन के BRI (Belt and Road Initiative) प्रोजेक्ट से बाहर निकलने का ऐलान किया था।
इटली ने कहा था कि चीन के अरबों डॉलर के बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से उसे कोई फायदा नहीं हुआ है। इसके बाद से ही चीन किसी भी तरह इटली को मनाने में जुटा है।
इससे पहले 5 सितंबर को इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने चीन का दौरा किया था। उन्होंने भी चीन के BRI प्रोजेक्ट की आलोचना की थी।
ऐसे में अगर इटली की PM मेलोनी ने चीन के BRI प्रोजेक्ट से पूरी तरह किनारा करने का मन बना लिया तो, इससे ड्रैगन को बड़ा झटका लग सकता है।
अगर इटली BRI प्रोजेक्ट से अलग होता है तो चीन की इस परियोजना को बड़ा झटका लगेगा। उसकी साख गिरने के साथ ही उसे अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
2013 में चीन ने बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसका मकसद कई देशों को सड़कों, रेलवे, और पोर्ट्स के साथ जोड़ना है।