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आखिर क्यों कनाडा के PM जस्टिन ट्रुडो को सबके सामने मांगनी पड़ी माफी?

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नाजी सैनिक के सम्मान पर जस्टिन ट्रुडो को मांगनी पड़ी माफी

कनाडा के PM जस्टिन ट्रुडो ने संसद में नाजी सैनिक के सम्मान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। हालांकि, उन्होंने इसका दोष सीधे स्पीकर के सिर मढ़ दिया।

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जस्टिन ट्रुडो बोले- ये कनाडा के लिए शर्मिंदगी की बात

ट्रूडो ने कहा- मैं संसद में मौजूद सभी लोगों की तरफ से माफी मांगता हूं। उस दिन नाजी सैनिक का सम्मान करना एक बड़ी भूल थी, जो हमसे अनजाने में हुई। ये कनाडा के लिए शर्मिंदगी की बात है।

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नाजियों की वजह से लाखों लोगों ने दर्द सहा

ट्रूडो ने कहा- लाखों लोगों ने नाजियों की वजह से दर्द सहा। ये उनकी आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा था। कनाडा इस पर खेद जताता है। नाजियों ने बड़ी संख्या में यहूदियों का नरसंहार किया था।

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नाजियों के सम्मान पर भड़का था रूस

बता दें कि कनाडा की संसद में नाजी सैनिक के सम्मान पर रूस ने गहरी नाराजगी जताई थी। रूस ने कहा था कि हिटलर की सेना के लिए काम करने वाले का सम्मान बेहद अपमानजनक है।

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नाजी सैनिक को वॉर हीरो की तरह पेश किया गया

वहीं, कनाडा की संसद के स्पीकर रहे एंथनी रोटा ने नाजी सैनिक के सम्मान के लिए पहले ही माफी मांगते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि इस सैनिक को वॉर हीरो की तरह पेश किया गया था।

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कनाडा की संसद के स्पीकर ने दिया था नाजी सैनिक को सम्मान

बता दें कि कनाडा की संसद में 24 सितंबर को स्पीकर एंथनी रोटा ने 98 साल के पूर्व नाजी सैनिक यारोस्लाव हुंका को वॉर हीरो बताते हुए स्टैंडिंग ओवेशन दिया था।

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नाजी सैनिक के सम्मान में मौजूद थे यूक्रेनी राष्ट्रपति

नाजी सैनिक हुंका को संसद में सम्मानित करने के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी मौजूद थे।

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दूसरे विश्वयुद्ध में हिटलर ने किया था यहूदियों का नरसंहार

बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी समर्थक हिटलर की सेना ने 11 लाख से ज्यादा यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया था।

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