बीमा कंपनियां कई बार पॉलिसी होल्डर के क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं। इसके पीछे एक नहीं कई कारण होते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण मौजूदा हेल्थ कंडीशन का खुलासा न करना (नॉन डिस्क्लोसर) है
पॉलिसी बाजार ने अप्रैल 2023 से लेकर सितंबर 2023 तक दो लाख हेल्थ बीमा दावों के डेटा के आंकड़े जारी किए, जिसमें बताया गया कि दो लाख क्लेम में से 30,000 रिजेक्ट कर दिए गए।
विश्लेषण के अनुसार, 25% हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम इसलिए खारिज होते हैं, क्योंकि पॉलिसी लेते वक्त डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसे कंडीशन की जानकारी नहीं दी जाती।
विश्लेषण के मुताबिक, 25% क्लेम इसलिए खारिज कर दिए जाते हैं, क्योंकि पॉलिसी लेने वाले टर्म एंड कंडीशन से पूरी तरह अनजान थे। 16% क्लेम प्रश्नों का सही जवाब न देने के चलते रिजेक्ट हुए
पॉलिसीबाजार के मुताबिक, पॉलिसी के दायरे से बाहर इलाज कराने से भी रिजेक्शन के मामले सामने आए हैं। उन बीमारियों के क्लेम भी हुए जो बीमा में कवर ही नहीं किए जाते हैं।
ज्यादातर रिजेक्शन पॉलिसी जानकारी के अभाव के चलते रिजेक्ट हो जाते हैं। नॉन डिस्क्लोसर उसके क्लेम को प्रभावित करता है, क्योंकि उसने जो डिक्लेयर किए हैं, ये बीमारियां उनमें नहीं हैं।
बीमा कंपनियों के लिए तय कर पाना कि पॉलिसी से पहले बीमारी है या नहीं मुश्किल है। इसलिए वे डायबिटीज, हाई बीपी या हार्ट डिजीज जैसे बीमारियों को दूर रखते हैं।