प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि प्रमुख भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भारत में एक लंबा और प्रभावशाली राजनीतिक करियर रहा है।
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को विभाजन-पूर्व सिंध में हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद आडवाणी दिल्ली आ गये।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ गठन किये जाने के बाद लालकृष्ण आडवाणी 1951 में इसका एक प्रमुख हिस्सा बने।
एलके आडवाणी 1970 में राज्य सभा के सदस्य बने और 1989 तक इस सीट पर रहे। दिसंबर 1972 में वह भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए।
1975 में मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री सरकार में आडवाणी को जनता पार्टी में सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया।
एलके आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ 1980 में भाजपा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने 1990 के दशक के दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका और अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर के निर्माण की वकालत करने के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की।
अटल बिहारी वाजपेई शासन के दौरान एनडीए शासन के दौरान सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आडवाणी ने उपप्रधान मंत्री और गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।
हाल के वर्षों में लालकृष्ण आडवाणी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सक्रिय राजनीतिक से पीछे हट गये।