रवि कपूर ने एशियाई पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप, बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिताओं में कई पदक और खिताब जीते। 2008 में मिस्टर दिल्ली का खिताब मिला। 2009 में दिल्ली रग्बी क्लब के लिए भी खेला।
रवि कपूर का जन्म साधारण परिवार में हुआ। शुरुआत में मोटापे, शैक्षणिक चुनौतियों का भी सामना किया। फिर उन्होंने खुद को बदलने का निर्णय लिया। वे बॉडीबिल्डिंग और पॉवरलिफ्टिंग में लगे।
स्कूली पढ़ाई पूरी कर इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया। पढ़ाई करते हुए उन्होंने अपने अंदर सफलता के लिए जुनून जगाया। लेकिन उनके जीवन में फिर से बुरा दौर भी आया।
रग्बी खेल के दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण उन्हें अपना करियर बदलना पड़ा। कोई फैमिली बैकग्राउंड न होने के बावजूद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
अपने समर्पण, दृढ़ता से पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर ली और आईआरएस अधिकारी बन गए। आईआरएस अधिकारी के रूप में वह शुरु में चेन्नई हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क विभाग में तैनात थे।
उन्होंने पावरलिफ्टिंग को पूरी तरह से नहीं छोड़ा और इसे जारी रखा और 2017 ग्लोबल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में पदक भी जीता। रवि भारतीय शिक्षा प्रणाली की खामियों को लेकर बहुत चिंतित थे।
उन्होंने यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए किताबें, ब्लॉग लिखे। इस सपने को बढ़ाने के लिए उन्होंने 10 साल के बाद नौकरी से इस्तीफा देने और फ्री मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू करने का फैसला किया।
उन्होंने 1.4 लाख से अधिक छात्रों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए शैक्षिक सामग्री, मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों और सीखने की तकनीकों का उपयोग किया।
इन छात्रों में से कई ऐसे भी शामिल हैं जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है।