26 जनवरी, 1930 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 'पूर्ण स्वराज' या पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की। जिसने भविष्य के लोकतंत्र और संप्रभुता को आकार दिया।
भारत 26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह दिन 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड इस अवसर को खास बनाती है।
गणतंत्र दिवस परेड 2024 सुबह 9:30 बजे विजय चौक से शुरू होगी और पांच किलोमीटर की यात्रा करके नेशनल स्टेडियम तक जाएगी।
गणतंत्र दिवस उस अवसर को चिह्नित करता है जब भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। और 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था।
पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में इरविन एम्फीथिएटर (अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम) में हुई थी। परेड में 3 हजार भारतीय सैन्यकर्मियों और 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया था।
शुरुआती 4 वर्ष गण्तंत्र दिवस परेड का स्थान इरविन स्टेडियम, लाल किला और रामलीला मैदान थे। राजपथ पर पहली परेड 1955 में हुआ, तब पाक गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि थे।
स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था।
भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे। हर साल किसी अन्य देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री या शासक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) भारत के गणतंत्र दिवस समारोह 2024 में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान हवा में कुछ गोलियां चलाई जाती हैं। गोलियों की आवाजें राष्ट्रगान के समय के साथ तालमेल बिठाती हैं।
गणतंत्र दिवस पर पहली फायरिंग राष्ट्रगान की शुरुआत में की जाती है और अगली 52 सेकंड के बाद होती है।
रक्षा अधिकारियों के अनुसार इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में रक्षा बलों की दो महिला टुकड़ियों को शामिल किया जा रहा है।
144 कर्मियों वाली एक टुकड़ी में सभी महिला सैनिक शामिल होंगी, जिनमें 60 सेना से और शेष भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना होंगी।