Hindi

इस जीनियस ने प्रतिष्ठित संस्थान की स्थापना की, MIT में काम किया और...

Hindi

डॉ. ओबैद सिद्दीकी कौन थे?

डॉ. ओबैद सिद्दीकी का जन्म 1932 में उत्तर प्रदेश में हुआ था, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज में नेशनल रिसर्च प्रोफेसर थे।

Image credits: social media
Hindi

अलीगढ़ मुस्लिम विवि से शुरू हुई साइंटिफिक जर्नी

डॉ. सिद्दीकी की साइंटिफिक जर्नी अलीगढ़ मुस्लिम विवि से शुरू हुई। ग्लासगो विवि से पीएचडी के बाद उन्होंने गुइडो पोंटेकोर्वो के मार्गदर्शन में माइक्रोबियल जेनेटिक्स अध्ययन किया।

Image credits: social media
Hindi

पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च

उन्होंने एलन गारेन के साथ कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लेब्रोटरी और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च शुरू किया।

Image credits: social media
Hindi

मॉलिक्यूलर बायोलॉजी यूनिट की स्थापना

1962 में डॉ. सिद्दीकी ने होमी भाभा के निमंत्रण पर मुंबई में टीआईएफआर में मॉलिक्यूलर बायोलॉजी यूनिट की स्थापना की। जो भारत में बायोलॉजी रिसर्च में परिवर्तनकारी क्षण था।

Image credits: social media
Hindi

टीआईएफआर नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज के फाउंडिंग डायरेक्टर

तीन दशक बाद उन्होंने बैंगलोर में टीआईएफआर नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज के फाउंडिंग डायरेक्टर की भूमिका निभाई। उनकी खोज उन्हें पीएचडी के लिए ग्लासगो विश्वविद्यालय ले गई।

Image credits: social media
Hindi

जेनेटिक कोड में स्टॉप सिग्नल से संबंधित खोज

वे जेनेटिक्स के क्षेत्र के दिग्गज डॉ. एलन गारेन के साथ एमआईटी में पोस्ट-डॉक्टरल पद पर आसीन हुए। उनके सहयोग से "nonsense" कोडन, जेनेटिक कोड में स्टॉप सिग्नल से संबंधित खोजें हुईं।

Image credits: social media
Hindi

सिनैप्टिक ट्रांसमिशन को कंट्रोल करने वाले जीन की पहचान

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर बेन्जर के साथ काम करते हुए डॉ. सिद्दीकी ने नर्व कंडक्शन और सिनैप्टिक ट्रांसमिशन को कंट्रोल करने वाले जीन की पहचान की।

Image credits: social media
Hindi

सड़क दुर्घटना में निधन

उनका 2013 में 81 वर्ष की आयु में बेंगलुरु में सड़क दुर्घटना में मस्तिष्क की गंभीर चोटों के कारण निधन हो गया।

Image Credits: social media