सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई। डिप्टी सीएम अजित पवार ने इसे महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों के लिए अत्यंत दुखद बताया और माफी मांगी।
शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था और उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था।
उनके पिता शाहजी भोंसले एक प्रमुख मराठा सेनापति थे, जबकि उनकी माता जीजाबाई धार्मिक प्रवृत्ति की थीं जिन्होंने उन्हें रामायण, महाभारत की कहानियां सुनाईं।
शिवाजी को उनके गुरु दादाजी कोंडदेव ने शिक्षा दी और युद्ध कौशल सिखाया।
16 साल की उम्र में शिवाजी ने अपना पहला युद्ध लड़ा। 1645 में तोरणा दुर्ग पर विजय प्राप्त की।
1674 में शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की औपचारिक स्थापना की और खुद को सम्राट घोषित किया। उन्हें "हिंदू हृदय सम्राट" कहा जाता है।
शिवाजी ने अपनी सेना में गुरिल्ला युद्ध की रणनीति का उपयोग किया, जिससे उन्हें युद्धों में सफलता मिली। शिवाजी ने औरंगजेब के खिलाफ कई युद्ध लड़े।
शिवाजी एक कुशल प्रशासक थे और उन्होंने अपने राज्य में कई सुधार किए। उन्होंने मराठी और संस्कृत भाषाओं को बढ़ावा दिया। उनके शासन में ये भाषाएं महत्वपूर्ण स्थान पर थीं।
शिवाजी की मृत्यु 3 अप्रैल, 1680 को हुई थी। उन्हें भारतीय इतिहास में सबसे महान योद्धाओं और रणनीतिकारों में से एक माना जाता है।