महाराष्ट्र में जेल के कैदियों को जेल में शिक्षा प्राप्त करके अपना जीवन बदलने का अवसर दिया जाता है। इसी क्रम में महाराष्ट्र की नौ जेलों के 145 जेल कैदियों को विशेष पुरस्कार मिला है।
जेल में रहले हुए विभिन्न कोर्स को पूरा करने के लिए उनकी सजा की अवधि में कमी की गई है। जेल में रहते हुए 2019 से 23 के बीच ऐसे 145 जेल कैदियों को सजा में छूट मिली है।
इनमें से कुछ कैदियों ने अपना एसएससी/एचएसएससी परीक्षा पास की जबकि कुछ ने ग्रेजुएशन और मास्टर्स कोर्स पूरा किया।
एक मीडिया रिपोर्ट में दो कैदियों देवानंद और विजय की कहानी के बारे में बताया गया है, जिन्हें सजा में छूट मिली। इन्हें UG और PG शिक्षा पूरी करने के बाद कुल 180 दिन की छूट मिली है।
देवानंद और विजय दोनों ने नागपुर सेंट्रल जेल के अंदर रहते हुए बी.ए. कोर्स किया। 2020 में अपनी स्नातक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें 90 दिनों की विशेष छूट मिली।
उसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपना पीजी कोर्स भी पूरा किया और इस वर्ष फिर से उन्हें 90 दिनों की एक और विशेष छूट मिली।
महाराष्ट्र की 10 जेलें कैदियों को ऐसे अध्ययन केंद्र प्रदान करती हैं। जिसका फायदा विचाराधीन कैदी और दोषी उठा सकते हैं और जेल में अपनी शिक्षाा पूरी कर सकते हैं।
स्टडी सेंटर नागपुर सेंट्रल जेल, कोल्हापुर, तलोजा सेंट्रल जेल, कल्याण डिस्ट्रिक्ट जेल, अमरावती सेंट्रल जेल, मुंबई, नासिक औरंगाबाद सेंट्रल जेल और यरवदा जेल में है।
इस पहल के बारे में बोलते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल एवं सुधारात्मक सर्विसेज) अमिताभ गुप्ता कहते हैं कि शिक्षा कैदियों को उनके जीवन के बाद बेहतर जीवन का अवसर प्रदान करती है।
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कैदियों को जेल से रिहाई और उन्हें पुनर्वास और समाज में फिर से मिलने-जुलने का मौका मिलता है।