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स्कूल में एवरेज छात्र थे मोहनदास करमचंद गांधी लेकिन फिर...

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2 अक्टूबर 1869 में हुआ था जन्म

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, वर्तमान गुजरात में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके जन्मस्थान पोरबंदर में शुरू हुई।

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एवरेज स्टूडेंट

गांधीजी एक एवरेज स्टूडेंट थे और स्पोर्ट्स में भी ज्यादा शामिल नहीं थे।गांधी जी पर एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, वह अंग्रेजी में अच्छे, अंकगणित में अच्छे और भूगोल में कमजोर थे।

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लिखावट बहुत खराब थी

उनका आचरण बहुत अच्छा था, लेकिन लिखावट बहुत खराब थी। वे शर्मीले थे एक ऐसे व्यक्ति जो ज्यादातर अपने तक ही सीमित रहते थे।

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अल्फ्रेड हाई स्कूल में एडमिशन

फिर गांधीजी अपने पिता की नई नौकरी के कारण राजकोट चले गए। 11 साल की उम्र में, उनका दाखिला अल्फ्रेड हाई स्कूल में हुआ, जो कि केवल लड़कों का स्कूल था। 

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एक अच्छे छात्र के रूप में उभरे

यहां वह अंग्रेजी सहित कई विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक अच्छे छात्र के रूप में उभरे। रिपोर्टों में कहा गया है कि उनकी लिखावट कुछ ऐसी थी जो कभी नहीं सुधरी।

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एक साल स्कूल में एक्स्ट्रा देना पड़ा

13 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई, जिसके कारण उन्हें हाई स्कूल में एक साल रुकना पड़ा। ताकि वे अपनी पढ़ाई की भरपाई कर सकें। साल 2017 में इस स्कूल को संग्रहालय में बदल दिया गया।

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सामलदास आर्ट्स कॉलेज में दाखिला

अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्हें सामलदास आर्ट्स कॉलेज में दाखिला दिया गया, जो उस समय क्षेत्र में डिग्री प्रदान करने वाला एकमात्र स्थान था।

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कॉलेज छोड़ दिया

बाद में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और पोरबंदर में अपने परिवार के पास वापस चले गये। कुछ समय बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया।

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समुदाय से बहिष्कृत किया गया

अपने परिवार को छोड़ने के उनके फैसले की आलोचना हुई और उन्हें समुदाय से बहिष्कृत कर दिया गया।

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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से लॉ की डिग्री

इसके बावजूद, वह 1888 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) गए और तीन साल में कानून की डिग्री पूरी की।

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