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Engineers Day 2023: बिल्डिंग्स की जबरदस्त इंजीनियरिंग, हो जाएंगे हैरान

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फॉन्डेशन लुई वुइटन (2014 में बनी)

जहाज के आकार की कांच की यह संरचना पेरिस के बोइस डी बोलोग्ने के पेड़ों , लॉन के बीच है। जिसमें कुसामा, अब्रामोविक, मैटिस और जियाओमेट्टी तक की कृतियां 126,000 वर्ग फुट में हैं।

Image credits: Getty
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शंघाई टॉवर (2015 में बनी)

जेन्सलर द्वारा डिजाइन किया गया 2,073 फुट लंबा शंघाई टॉवर रिकॉर्ड की लिस्ट है।चीन की सबसे ऊंची इमारत, दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची इमारत, दुनिया का दूसरा सबसे तेज लिफ्ट सिस्टम व अन्य। 

Image credits: Getty
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432 पार्क एवेन्यू (2015 में बनीं) राफेल विनोली द्वारा (न्यूयॉर्क)

432 पार्क एवेन्यू पश्चिमी गोलार्ध में सबसे ऊंची रेसिडेंसियल इमारत है, मिडटाउन मैनहट्टन के मध्य में स्थित, 1,396 फुट ऊंची गगनचुंबी इमारत को सभी पांच नगरों से देखा जा सकता है।

Image credits: Halkin Mason Photography
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द ब्रॉड (2015 में बनी)

लॉस एंजिल्स में द ब्रॉड 50,000 वर्ग फुट की यह इमारत आंतरिक और बाहरी दुनिया के बीच एक सहज बफर के रूप में काम करती है। ऐसी इंजीनियर  है कि सीधी धूप कभी भी प्रवेश नहीं कर सकती।

Image credits: Courtesy of DS+R/Iwan Baan
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द ओकुलस (2016 में बनी)

ओकुलस की डिजाइन स्टील, कंक्रीट, पत्थर और कांच से बनी है, यह एक पक्षी फीनिक्स के आकार की है। यह इमारत मैनहट्टन शहर में स्थित है।

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एल्बफिलहार्मोनी हैम्बर्ग (2017 में बनी)

एल्बफिलहार्मोनी हैम्बर्ग का डिजाइन कांच से इस तरह बना है, कि यह avant-garde ship की तरह दिखाई देता है। इसकी नींव एक ईंट की इमारत है जो 1963 में बनाया गया एक पूर्व गोदाम था। 

Image credits: Herzog and de Meuron/Iwan Baan
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ऐप्पल पार्क (2017 में बनी) (क्यूपर्टिनो, कैलिफोर्निया)

Apple पार्क अंगूठी के आकार की इमारत है जो sustainable energy पर चलती है। इसका अधिकांश हिस्सा सौर पैनलों से आता है। यहां बैठे कर्मचारी हवा ऐसे महसूस करते हैं जैसे वे बाहर बैठे हों।

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लौवर अबू धाबी (2017 में बनी) (अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात)

अबू धाबी में स्थित इमारत, जिसे जीन नोवेल ने डिजाइन किया था। इसमें स्टेनलेस-स्टील और एल्यूमीनियम गुंबद है। सूरज गुंबद पर पड़ता है, तो प्रकाश किरणें तारे के आकार में दिखती हैं।

Image credits: Getty
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कोपेनहिल (2017 में बनी)

कोपेनहिल का डिजाइन बर्जर्के इंगल्स ने बनाया है।यह संरचना सालाना 400,000 टन कचरे को जलाकर क्षेत्र के 60,000 घरों को बिजली देने के लिए पर्याप्त स्वच्छ ऊर्जा बना सकती है।

Image credits: BIG/Rasmus Hjortshoj

15 साल की उम्र में बने इंजीनियर, 3 महीने में 11-12वीं, 1 साल में बीई

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