शिक्षा का फर्क मायने नहीं रखता, अगर आपसी समझ और एक-दूसरे का साथ हो। गौतम अडाणी और प्रीति अडाणी की कहानी इस बात का बेहतरीन उदाहरण है।
गौतम अडाणी ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की और कॉलेज में दाखिला लेने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। पढ़ाई में औपचारिक डिग्री भले न हो, लेकिन उन्होंने अपने बिजनेस विजन और मेहनत से खुद को साबित किया।
प्रीति अडाणी ने गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, अहमदाबाद से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) की डिग्री हासिल की। वह पढ़ाई में बेहद होनहार थीं और डॉक्टर बनने के बाद समाजसेवा में सक्रिय हो गईं।
गौतम अडाणी और प्रीति अडाणी की शिक्षा और बैकग्राउंड में बड़ा फर्क था। गौतम अडाणी ने जहां स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ दी, वहीं प्रीति अपने प्रोफेशनल करियर में आगे बढ़ रही थीं।
प्रीति के पिता सेवंतीलाल ने गौतम अडाणी की काबिलियत को पहली नजर में पहचाना। उन्हें गौतम के बिजनेस आइडिया और मेहनत पर भरोसा था, इसलिए उन्होंने इस रिश्ते का प्रस्ताव रखा।
जब प्रीति ने पहली बार गौतम को देखा, तो वह प्रभावित नहीं हुईं। लेकिन जब दोनों की बातचीत हुई, तो गौतम की सोच और विजन ने प्रीति का दिल जीत लिया।
दोनों ने 1986 में शादी की। गौतम अडाणी और प्रीति अडाणी की शादी न केवल एक रिश्ता था, बल्कि दो अलग-अलग सोच और बैकग्राउंड का मेल भी था।
शादी के बाद प्रीति ने अपने डॉक्टर के करियर को छोड़कर गौतम का साथ दिया। उन्होंने अडाणी फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में काम करता है।
गौतम अडाणी अक्सर अपनी सफलता का श्रेय प्रीति को देते हैं। प्रीति ने न केवल उनकी जिंदगी को संवारने में मदद की, बल्कि उनके सपनों को उड़ान देने का काम भी किया।
गौतम अडाणी की नेटवर्थ लगभग ₹11.6 लाख करोड़ है, जो उन्हें भारत का सबसे अमीर व्यक्ति बनाती है। वहीं प्रीति अडाणी, जो अडाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं, की नेटवर्थ करीब ₹8,327 करोड़ है।