भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, जहां हर दिन हजारों ट्रेनें दौड़ती हैं। आपका सपना ट्रेन चलाने यानी लोको पायलट बनना है, तो बता दें यह जिम्मेदारी भरा काम है।
जानिए कैसे आप असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) बन सकते हैं और अनुभव के साथ एक पूर्ण लोको पायलट बनने का सफर तय कर सकते हैं। सैलरी, भर्ती प्रक्रिया और जरूरी योग्यताएं।
ट्रेन को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को लोको पायलट कहा जाता है। एक ट्रेन में औसतन 10,000 यात्री सफर करते हैं, जिनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लोको पायलट की होती है।
सीधे तौर पर कोई भी लोको पायलट नहीं बन सकता। सबसे पहले उम्मीदवार को असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) के रूप में भर्ती किया जाता है।
असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) बनने के बाद उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है और अनुभव प्राप्त करने के बाद ही उन्हें लोको पायलट की जिम्मेदारी दी जाती है।
अनुभव के आधार पर लोको पायलट की सैलरी अलग-अलग हो सकती है। जिसमें असिस्टेंट लोको पायलट की 25,000 से 35,000 रुपए मंथली और अनुभवी लोको पायलट की 50,000 से 1,00,000 रुपए मंथली होती है।
मंथली सैलरी के अलावा रेलवे कर्मचारियों को कई भत्ते, सुविधाएं और अतिरिक्त लाभ भी मिलते हैं, जिससे उनकी कुल कमाई में वृद्धि होती है।
लोको पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को 12वीं में कम से कम 50% अंक से पास होना जरूरी है। संबंधित ट्रेड में ITI सर्टिफिकेट और कुछ पदों के लिए डिप्लोमा या ग्रेजुएशन डिग्री भी जरूरी है।
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती तीन चरणों में करता है-
अगर आप लोको पायलट बनना चाहते हैं, तो सबसे पहले ALP के रूप में भर्ती होकर प्रशिक्षण प्राप्त करें। ट्रेनिंग और अनुभव के बाद आपको लोको पायलट बनने का अवसर मिलेगा।
भारतीय रेलवे में लोको पायलट का पद न केवल आकर्षक सैलरी देता है, बल्कि स्थिर करियर और भविष्य की बेहतरीन संभावनाएं भी प्रदान करता है।