यूपीएससी सीएसई के माध्यम से IAS IPS और IFS पोस्ट के लिए चुने जाने के बाद कैंडिडेट को पोस्ट के अनुरूप एक जिम्मेदार ऑफिसर बनाने के लिए कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।
IAS IPS और IFS की शुरुआती फाउंडेशन कोर्स की ट्रेनिंग एक साथ मसूरी उत्तराखंड स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में होती है।
फाउंडेशन कोर्स की अवधि लगभग 3 महीने की होती है, जिसमें सभी IAS IPS और IFS ट्रेनी को भविष्य की जिम्मेदारीयों को निभाने के लिए जरूरी एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल्स सिखाए जाते हैं।
फाउंडेशन कोर्स के बाद IAS ऑफिसर कैंडिडेट आगे की ट्रेनिंग के लिए LBSNAA में ही रूकते हैं जबकि IPS, IFS ट्रेनीज को मिले कैडर के अनुसार अन्य ट्रेनिंग एकेडमी में भेजा जाता है।
आईएएस ऑफिसर की ट्रेनिंग LBSNAA में होती है। फाउंडेशन कोर्स के बाद IAS की प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू होती है, जिसमें उन्हें एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस की जरूरी जानकारी दी जाती है।
IAS ऑफिसर की ट्रेनिंग में भारत दर्शन टूर भी शामिल है। इसमें एक IAS ट्रेनी को भारत की विविधता को जानने-समझने का अवसर मिलता है। साथ ही भारत की कोई एक भाषा भी सिखाई जाती है।
IPS की अगली ट्रेनिंग हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी में होती है। यहां 2 चरणों में ट्रेनिंग होती है। पहले चरण में स्किल्स,कर्तव्यों की जानकारी दी जाती है।
दूसरे चरण में आवंटित राज्य कैडर के बारे में जानकारी और वहां की समस्याओं के बारे में समझाया जाता है। साथ ही प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है और भारत की कोई एक भाषा सिखाई जाती है।
LBSNAA के बाद IFS ऑफिसर ट्रेनी को सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस (SSIFS),नई दिल्ली भेजा जाता है। यहां राजनयिक की जिम्मेदारियों और चुनौतियों के बारे में जानकरी दी जाती है।
IFS ऑफिसर ट्रेनी को 2 महीने के लिए मंत्रालय के डिवीजन में नियुक्त किया जाता है। कोई एक विदेशी भाषा सिखाई जाती है। ट्रेनिंग के बाद इन IAS, IPS और IFS अफसरों की पोस्टिंग होती है।