सुधा मूर्ति के बहनोई में से एक गुरुराज देशपांडे ने अलग-अलग कारणों से 208 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है।
बिजनेस स्किल, इनवेस्टमेंट और दूरदर्शिता के लिए प्रसिद्ध देशपांडे का दान मुख्य रूप से शैक्षणिक संस्थानों और देशपांडे टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर की स्थापना को सपोर्ट करता है।
गुरुराज देशपांडे की एंटरप्रेन्योरशिप जर्नी 1993 में उनकी पहली कंपनी कोरल नेटवर्क्स की 15 मिलियन डॉलर में बिक्री के साथ शुरू हुई।
उसके बाद 1997 में उनके दूसरे उद्यम कैस्केड कम्युनिकेशंस की 3.7 बिलियन डॉलर में बिक्री हुई।
गुरुराज देशपांडे अरबपति नारायण मूर्ति के बहनोई हैं। उनका विवाह सुधा मूर्ति की बहन जयश्री से हुआ है। जयश्री एमआईटी में देशपांडे सेंटर फॉर टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन की को-फाउंडर भी हैं।
कर्नाटक के हुबली में जन्मे गुरुराज देशपांडे ग्रेजुएट होने तक भारत में रहे। उनके पिता भारत सरकार में श्रम आयुक्त थे।
उन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद वह हायर एजुकेशन के लिए कनाडा चले गए।
अभी गुरुराज देशपांडे A123Systems, Sycamore Networks, Tejas Networks, HiveFire, Sandstone Capital और Sparta Group के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वह एयरवाना में बोर्ड मेंबर भी हैं।