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इंदिरा गांधी को कैसे मिला 'गांधी' सरनेम, जानिए उनका असली नाम

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पंडित नेहरू का परिवार और गांधी सरनेम

पंडित जवाहरलाल नेहरू का परिवार कश्मीरी ब्राह्मण था और उनका मूल नाम "नेहरू" था। उनका परिवार गांधी जी के विचारों से प्रभावित था, लेकिन उनका कोई रक्त संबंध नहीं था।

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महात्मा गांधी से गहरा संबंध

इंदिरा गांधी के पिता पंडित नेहरू, महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे और उनके स्वतंत्रता संग्राम के विचारों से गहरे प्रभावित थे। नेहरू-गांधी जी की मित्रता में गहरी वैचारिक समानता थी।

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फिरोज गांधी का गांधी सरनेम

इंदिरा गांधी का विवाह फिरोज गांधी से हुआ था, जो एक पारसी थे और उनका वास्तविक नाम "फिरोज खान" था। 

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फिरोज ने "गांधी" सरनेम क्यों अपनाया?

फिरोज ने "गांधी" सरनेम अपनाया इसका कारण था कि वह महात्मा गांधी के बहुत बड़े समर्थक थे। यह सरनेम उन्होंने अपने राजनीतिक संघर्षों और महात्मा गांधी के प्रति सम्मान के तौर पर लिया था।

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इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू का सरनेम ऐसे हुआ गांधी

इंदिरा गांधी का जन्म पंडित नेहरू और कमला नेहरू के घर हुआ था। उनका असली नाम "इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू" था। जब इंदिरा ने फिरोज गांधी से शादी की, तब पति के सरनेम गांधी को अपना लिया।

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इंदिरा गांधी का महात्मा गांधी के नाम से जुड़ा "गांधी" सरनेम

महात्मा गांधी के नाम से जुड़ा "गांधी" सरनेम इंदिरा गांधी के लिए एक प्रकार से एक प्रतीक बन गया, जो उनके परिवार की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी विरासत और उनके योगदान को दर्शाता था।

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इंदिरा गांधी को "गांधी" सरनेम उनके पति फिरोज गांधी से मिला

इस तरह, इंदिरा गांधी को "गांधी" सरनेम उनके पति फिरोज गांधी से मिला, जो उन्होंने महात्मा गांधी के नाम का सम्मान करते हुए इसे अपनाया था।

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पारिवारिक विरोध के बीच हुई इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की शादी

इंदिरा गांधी की शादी फिरोज गांधी से हुई, जो एक पारसी थे। शुरुआत में पंडित नेहरू और उनके परिवार ने इस शादी का विरोध किया क्योंकि यह अंतरधार्मिक विवाह था। 

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सादे समारोह में हुई थी इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की शादी

इंदिरा और फिरोज गांधी ने 1942 में शादी की, उनका विवाह बेहद सादा था। यह शादी परिवार और समाज के विरोध के बीच काफी निजी तरीके से हुई, जिससे इंदिरा के स्वतंत्र विचारों का पता चलता है।

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इंदिरा और फिरोज गांधी के दो बेटे

इंदिरा और फिरोज गांधी की शादी से दो बेटे हुए—राजीव गांधी (1944) और संजय गांधी (1946)। दोनों बेटे आगे चलकर राजनीति में आए और देश के प्रधानमंत्री और महत्वपूर्ण नेता बने।

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फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी के रिश्ते में विवाद

फिरोज और इंदिरा के रिश्ते में कई बार विवाद भी हुए, खासकर फिरोज के भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर। लेकिन इंदिरा ने उनकी कभी सार्वजनिक रूप से आलोचना नहीं की। उन्हें सम्मान देती रहीं।

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इंदिरा और फिरोज गांधी के रिश्ते में थी गहरी दोस्ती

इंदिरा और फिरोज गांधी के रिश्ते में गहरी दोस्ती थी। फिरोज ने इंदिरा के राजनीतिक करियर को हमेशा सपोर्ट किया। इंदिरा ने भी फिरोज को एक मजबूत साथी-जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया।

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