भारतीय रेलवे के 186 साल में पहली बार एक महिला रेलवे बोर्ड की चीफ बनी हैं। यह महिला हैं भारतीय रेलवे प्रबंध सेवा की अधिकारी जया वर्मा सिन्हा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने आईपीएस की नौकरी को ठुकरा कर रेलवे का दामन थामा था। ऑफिस जॉब नहीं फील्ड वर्क करने की ठानी।
जय वर्मा ने खुद तो आईपीएस की नौकरी नहीं की लेकिन अपना जीवनसाथी आईपीएस अधिकारी को ही चुना। उनके पति नीरज सिन्हा आईआरटीएस में उनके बैचमेट भी रह चुके हैं।
जया सिन्हा के पास भारतीय रेलवे में 35 वर्षों का अनुभव है। जया वर्मा सिन्हा को देश के ट्रांसपोर्टर के लिए टॉप डिसीजन लेने वाली संस्था रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष और सीईओ हैं।
जया सिन्हा ने ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में चार साल बिताए। बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान, कोलकाता और ढाका के बीच मैत्री एक्सप्रेस शुरू की गई थी।
जया सिन्हा ने इलाहाबाद के सेंट मैरी कॉन्वेंट से पढ़ाई की है। अपनी स्नातक की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की।
जया सिन्हा ने 1988 में भारतीय रेलवे के साथ काम करना शुरू किया। इस दौरान संचालन, सूचना प्रौद्योगिकी, विपणन और सतर्कता सहित विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है।
रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन जमशेदपुर के साकेत कॉलोनी निवासी मेजर सीबी सिन्हा की बहू हैं। उनके पति नीरज सिन्हा वर्तमान में बिहार कैडर में डीजी सिविल डिफेंस के पद पर हैं।