12वीं में कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो 12वीं में मैथ्स और बायो दोनों विषय समान रूप से पढ़ते हैं। ऐसे में उनके पास इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों डिग्री हासिल करने के विकल्प होते हैं।
इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए जेईई परीक्षा और मेडिकल के लिए नीट परीक्षा देना अनिवार्य है। इन दोनों परीक्षाओं के बिना किसी भी अच्छे कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश पाना असंभव है।
अगर आप जेईई और एनईईटी दोनों परीक्षाओं की एक साथ तैयारी कर रहे हैं लेकिन कन्फ्यूज हैं कि दोनों एग्जाम की तैयारी कैसे करें तो ये खास टिप्स आपके बहुत काम आ सकते हैं।
स्टडी शेड्यूल बनाएं जिसमें जेईई और नीट दोनों परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त समय हो। अपना समय दोनों परीक्षाओं के सब्जेक्ट्स के बीच समान रूप से विभाजित करें।
इस दौरान ध्यान रखें कि आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और मैथ्स सभी विषयों को बराबर समय और प्राथमिकता देनी है।
12वीं के साथ-साथ एंट्रेस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो अपना स्टडी मटेरिअल पहले से ही इकट्ठा कर लें। ऐसा नहीं हो कि आपको परीक्षा से कुछ दिन पहले नोट्स या किताबें ढूंढनी पड़ें।
जेईई और एनईईटी परीक्षा की तैयारी के लिए स्टडी बुक, संदर्भ पुस्तकें, ऑनलाइन सोर्स और एनसीईआरटी किताबें तैयार रखें।
जेईई और एनईईटी एग्जाम के सिलेबस में केवल एक विषय अलग है। NEET परीक्षा के लिए बायोलॉजी पर फोकस करना जरूरी है और जेईई के लिए मैथ्स पर। फिजिक्स और केमिस्ट्री कोर्स लगभग समान है।
परीक्षा पैटर्न, मार्किंग स्कीम समझना जरूरी है। दोनों परीक्षाएं एमसीक्यू आधारित परीक्षाएं हैं। लेकिन दोनों में प्रश्नों की संख्या अलग है। जेईई में न्यूमेरिकल क्वेश्चन भी रहते हैं।
जेईई और एनईईटी दोनों परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए पिछले वर्षों के क्वेश्चन पेपर और मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस करना बहुत महत्वपूर्ण है।
मॉक टेस्ट से एग्जाम पैटर्न और मार्किंग स्कीम को समझा जा सकता है। साथ ही टाइम मैनेजमेंट स्किल भी बेहतर होता है।
यदि किसी विषय में कोई संदेह है तो समय रहते शिक्षकों, वरिष्ठों या विशेषज्ञों से बात करके उसका समाधान करें। परीक्षा से पहले अपने नोट्स तैयार कर लें ताकि रिवीजन में कोई परेशानी न हो।