Education

नारायण मूर्ति के IIT ग्रेजुएट बिजनेस पार्टनर,जिसने आधी संपत्ति दान दी

Image credits: Getty

IIT बॉम्बे पासआउट बड़ी कंपनियों में टॉप पदों पर

IIT बॉम्बे पासआउट आज दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों में टॉप पदों पर हैं। ट्विटर के पूर्व CEO पराग अग्रवाल, इसरो पूर्व अध्यक्ष कैलासवादिवू सिवन,ओला सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल अन्य।

Image credits: Getty

आईआईटी बाॅम्बे पूर्व छात्र नंदन नीलेकणि

इन सभी ने IIT बॉम्बे से स्नातक होने के बाद बड़ी उपलब्धि पाई।ऐसे ही एक आईआईटी पूर्व छात्र हैं जिन्होंने भारत की टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक की स्थापना की, वह हैं नंदन नीलेकणि।

Image credits: Getty

नीलेकणि इंफोसिस के सह-संस्थापक

बेंगलुरु में जन्मे नीलेकणि इंफोसिस के सह-संस्थापक और नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं, जिसका वर्तमान में मार्केट कैपिटलाइजेशन 5,66,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

Image credits: Getty

इंफोसिस में कई रोल

मार्च 2002 में इंफोसिस के सीईओ नामित होने से पहले नीलेकणि ने इंफोसिस में प्रबंध निदेशक, अध्यक्ष और चीफ ऑपरेशन ऑफिसर सहित विभिन्न पदों पर काम किया था।

Image credits: Getty

नारायण मूर्ति ने ली थी इंटरव्यू

आईआईटी से स्नातक होने के बाद नंदन नीलेकणी को 1978 में पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स में नौकरी मिल गई, जहां नारायण मूर्ति ने उनका साक्षात्कार लिया।

Image credits: Getty

खुद की एक कंपनी शुरू करने के लिए संगठन छोड़ा

लगभग 3 वर्षों तक उस फर्म में मूर्ति के साथ काम करने के बाद, नीलेकणि और नारायण मूर्ति सहित उनके अन्य सहयोगियों ने अपनी खुद की एक कंपनी शुरू करने के लिए संगठन छोड़ दिया।

Image credits: Getty

2002 से 2007 तक इंफोसिस का नेतृत्व

कंपनी में विभिन्न पदों पर काम करने के बाद नीलेकणि को 2002 से 2007 तक इंफोसिस का नेतृत्व करने का मौका मिला। उनके नेतृत्व में, कंपनी की कमाई छह गुना बढ़कर 3 अरब डॉलर हो गई।

Image credits: Getty

12 स्टार्ट-अप में हिस्सेदारी

उन्हें भारत में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण भी मिला। नीलेकणि शॉपएक्स, जगरनॉट, मबल नेटवर्क्स और अन्य सहित 12 स्टार्ट-अप में हिस्सेदारी के साथ सीरियल इनवेस्टर भी हैं।

Image credits: Getty

आधी संपत्ति गिविंग प्लेज को दान की

उन्होंने और उनकी पत्नी रोहिणी ने अपनी आधी संपत्ति गिविंग प्लेज को दान करने का फैसला किया है, जो बिल गेट्स द्वारा आयोजित एक आंदोलन है।

Image credits: Getty

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष

2009 में नीलेकणि को तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में काम करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

Image credits: Getty

आधार कार्ड को दुनिया के सामने पेश किया

कैबिनेट में कुछ समय बाद नंदन नीलेकणि ने आधार कार्ड को दुनिया के सामने पेश किया।

Image credits: Getty

देश के 1 अरब नागरिकों को नीलेकणि के निर्माण पर भरोसा

वर्तमान में भारत के 1 अरब से अधिक नागरिक अपने प्राथमिक पहचान प्रमाण पत्र के रूप में नीलेकणि के निर्माण पर भरोसा कर रहे हैं।

Image credits: Getty