रघुनंदन कामत का जन्म कर्नाटक के छोटे से गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता फल बेचने का काम करते थे। जीवन की शुरुआत बहुत संघर्षभरी रही।
बेहतर जिंदगी की तलाश में रघुनंदन कामत सिर्फ 15 साल की उम्र में मुंबई आ गए। यहां उनके पिता पहले से ही फल बेचते थे।
रघुनंदन कामत का पढ़ाई में मन नहीं लगता था, लेकिन काम करने का जज्बा उनके अंदर बचपन से ही था।
रघुनंदन कामत ने आइसक्रीम बेचने का काम अपने दादा की पुरानी दुकान से शुरू किया। यहीं से शुरू हुआ उनका असली सफर।
रघुनंदन कामत ने मुंबई के विले पार्ले में चार कर्मचारियों के साथ पहली दुकान शुरू की। आज ये ब्रांड देश की बड़ी आइसक्रीम कंपनियों में गिनी जाती है।
रघुनंदन कामत ने आम, कटहल, तरबूज जैसे फलों के स्वाद को आइसक्रीम में मिलाकर नया ट्रेंड शुरू किया। यही उनकी सबसे बड़ी खासियत बन गई।
रघुनंदन कामत के अनुसार उन्होंने कभी अपनी आइसक्रीम का प्रचार नहीं किया। उनका स्वाद ही असली पहचान है। जिससे सफलता मिली।
जब वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स ने एक शो में उनकी आइसक्रीम की तारीफ की, तो रघुनंदन कामत की मेहनत को असली पहचान मिली।
रघुनंदन कामत का आज 3 अरब रुपये का साम्राज्य है। 135 से ज्यादा स्टोर्स में 125+ आइसक्रीम फ्लेवर कस्टमर को ऑफर किए जाते हैं।
रघुनंदन कामत की कहानी सिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो हर सपना पूरा हो सकता है।