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सिम कार्ड बेचने से लेकर 16,000 CR संपत्ति तक, रितेश अग्रवाल को जानिए

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रितेश अग्रवाल का जन्म

भारत के ओडिशा के एक छोटे से शहर में जन्मे रितेश की शुरुआत मामूली थी, उनका परिवार एक साधारण दुकान चलाता था। बड़े होकर वह किसी भी अन्य बच्चे की तरह ही थे।

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सेक्रेड हार्ट स्कूल से पढ़ाई

रितेश अग्रवाल ने होम टाउन के सेक्रेड हार्ट स्कूल से पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली कॉलेज में एडमिशन लिया। उनके सपने उस शहर से भी बड़े थे, जहां उनका अपना घर था।

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दिल्ली में गुजारा करने के लिए सिम कार्ड बेचे

दिल्ली में रितेश के शुरुआती दिन आसान नहीं थे। गुजारा करने के लिए उन्होंने सिम कार्ड भी बेचे। उनके जीवन की यह अवधि महत्वपूर्ण थी, जिसने उन्हें आत्मनिर्भरता का महत्व सिखाया।

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ओरावेल स्टेज की स्थापना

महत्वपूर्ण मोड़ 2012 में आया जब रितेश ने ओरावेल स्टेज की स्थापना की, इस कॉन्सेप्ट का उद्देश्य बजट स्टे को हर किसी के लिए सुलभ बनाना था। इससे उन्हें शुरुआती पूंजी मिल गई।

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थिएल फेलोशिप जीतने वाले पहले भारतीय

रितेश की महत्वाकांक्षाएं तब और बढ़ी, जब वह थिएल फेलोशिप जीतने वाले पहले भारतीय बने, यह कार्यक्रम युवा उद्यमियों को अपने बिजनेस थॉट्स को आगे बढ़ाने के लिए $100,000 प्रदान करता है।

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फेलोशिप ग्रांट की मदद से लॉन्च किये OYO रूम्स

फेलोशिप ग्रांट का उपयोग करते हुए रितेश ने 2013 में OYO रूम्स लॉन्च किया, एक ऐसा प्लेटफॉर्म जिसने भारत और उसके बाहर बजट में हाउसिंग एरिया उपलब्ध कराने में क्रांति लेकर आया।

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OYO की सफलता रातोरात वाली नहीं

OYO की सफलता रातोरात नहीं थी। यह रितेश के अपने विचार में विश्वास, उनकी अथक कार्य नीति और उन अवसरों को देखने की उनकी क्षमता पर बनाया गया था जहां दूसरों को बाधाएं दिखती थीं।

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कुल संपत्ति 16,000 करोड़ रुपये

महज 29 साल की उम्र में उनकी कुल संपत्ति बढ़कर रु. 16,000 करोड़ रुपये और उनके द्वारा स्थापित स्टार्टअप OYO, 74,000 करोड़ रुपये के वैल्यू तक पहुंच गया।

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सिम कार्ड बेचने से लेकर सेल्फमेड अरबपति बनने तक

सिम कार्ड बेचने से लेकर सबसे कम उम्र के सेल्फमेड अरबपति बनने तक, रितेश की यात्रा बड़े सपने देखने और कड़ी मेहनत करने की शक्ति का प्रमाण है।

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