देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और राजधानी ढाका छोड़ दी। रिपोर्ट के अनुसार उनका हेलीकॉप्टर इंडिया में दिखा।
शेख हसीना 5 बार बांग्लादेश की PM रहीं। साल 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गईं। 2009 में दूसरी। 2014 में तीसरी। 2018 में चौथी और 2024 में 5वीं बार प्रधानमंत्री बनीं।
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी, शेख हसीना अपने देश के इतिहास में सबसे लंबे समय संयुक्त रूप से कार्यालय में तीन दशक तक प्रधानमंत्री रहीं हैं।
शेख हसीना की शुरुआती पढ़ाई ढाका में हुई। अजीमपुर गर्ल्स हाई स्कूल से शुरुआती शिक्षा पूरी की। ढाका यूनिवर्सिटी के ईडन मोहिला कॉलेज से ग्रेजुएशन की। वह छात्र नेता रह चुकी हैं।
1971 में मुक्ति युद्ध के दौरान विद्रोह में शामिल होने के कारण उन्हें और परिवार के अन्य सदस्यों को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था, जिसके कारण बांग्लादेश को आजादी मिली।
अगस्त 1975 में शेख हसीना के पिता यानी बंग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान, हसीना की मां और तीन भाईयों की उनके घर पर सैन्य अधिकारियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
जब शेख हसीना के पूरे परिवार की हत्या की गई उस समय वह विदेश में थीं। इसी वजह से उनकी जान बची। अगले छह साल उन्होंने निर्वासन में बिताए।
इस दौरान वह अपने पिता द्वारा स्थापित राजनीतिक दल, अवामी लीग का नेतृत्व करने के लिए चुनी गईं, जो बांग्लादेश में सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन बन गया था।
1981 में बांग्लादेश लौटी। कई बार नजरबंद की गई। 1996 के चुनावों के बाद हसीना प्रधानमंत्री बनीं। पहले कार्यकाल के दौरान देश में आर्थिक विकास देखा गया। 5वां कार्यकाल अराजकता भरा रहा।