सफलता की यह कहानी है बिस्वास बहनों सुजाता और तान्या बिस्वास की जिन्होंने अपनी हाई-पेइंग नौकरियां छोड़ीं और पूरे जोश के साथ अपने साड़ी के बिजनेस में जुट गईं।
बिजनेस के लिए शुरुआत में दोनों बहनों ने 3-3 लाख रुपये का निवेश किया और आज उनकी कंपनी 50 करोड़ रुपये की हो गई है।
2016 में तान्या और सुजाता बिस्वास ने एक साड़ी ब्रांड लॉन्च किया और उसे एक मुनाफे वाला बिजनेस बना दिया। उनकी कंपनी, Suta, मलमल की मुलायम साड़ियां बेचती है।
तान्या बिस्वास ने NIT राउरकेला से ग्रेजुएशन और IIM लखनऊ से MBA किया। IBM में एसोसिएट कंसल्टेंट के रूप में काम करने के बाद, उन्होंने मई 2016 में बिजनेस के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।
सुजाता ने भी इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री ली। जिसके बाद ब्रांडिंग और स्टील इंडस्ट्री में काम किया, फिर ई-कॉमर्स बिजनेस की पढ़ाई के लिए आईआईटी-बॉम्बे में पीएचडी के लिए अप्लाई किया।
साड़ी ब्रांड 'Suta' की शुरुआत से पहले, दोनों बहनों ने पैनकेक चेन और फोटोग्राफी पेज जैसे कई बिजनेस शुरू किए, लेकिन असफल रहीं। फिर उन्होंने साड़ियों पर फोकस किया।
सुजाता-तान्या के पिता रेलवे में थे, जिससे वे देश के कई हिस्सों में रहे। उनका विभिन्न संस्कृतियों, पहनावे से परिचय हुआ।उनकी यादों में मां और दादी की साड़ियों का कलेक्शन भी शामिल है।
Suta ने बुनकरों के साथ मिलकर काम करने की एक अनोखी नीति अपनाई। तान्या और सुजाता ने बुनकरों के सुझावों को शामिल किया और उन्हें नियमित काम देकर उनके साथ विश्वास का रिश्ता कायम किया।
Suta की खासियत है कि हर साड़ी के पीछे एक कहानी होती है। सुजाता और तान्या ने सोशल मीडिया हैंडल पर साड़ियों के पीछे की कहानियों को शेयर किया, जिससे ग्राहकों के साथ गहरा रिश्ता बना।
2016 में दो बुनकरों से शुरू हुई यह कंपनी अब 17000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देती है। बुनकरों को समय पर भुगतान और उनका उचित सम्मान सुनिश्चित करने के कारण Suta को यह सफलता मिली।