UPSC लेटरल एंट्री पर रोक: क्या है सरकार का नया प्लान? मिलेगा आरक्षण!
Education Aug 20 2024
Author: Anita Tanvi Image Credits:Getty
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UPSC लेटरल एंट्री के लिए विज्ञापन रद्द
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC से कहा केंद्रीय मंत्रालयों में टॉप पोस्ट पर लेटरल एंट्री के लिए जारी विज्ञापन को रद्द कर दिया जाए। यह निर्देश पीएम मोदी के आदेश पर दिया गया।
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UPSC ने लेटरल एंट्री में होनी थी 45 बड़ी भर्ती
पिछले सप्ताह UPSC ने लेटरल एंट्री के बड़े चरण में 45 संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। उद्देश्य निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति करना था।
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राजनीतिक बयानबाजी बढ़ी
इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई थी और विपक्ष समेत एनडीए के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने इसका विरोध किया।
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लेटरल एंट्री क्या है?
लेटरल एंट्री एक व्यवस्था है जिसके तहत सरकारी उच्च पदों पर बाहरी लोगों की भर्ती की जाती है। आमतौर पर इन पदों पर IAS, IPS जैसे कैडर के अधिकारी प्रमोशन के माध्यम से पहुंचते हैं।
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कांट्रैक्ट पर रखे जाते हैं सरकार से बाहर के एक्सपर्ट
लेटरल एंट्री में सरकार से बाहर के विशेषज्ञों को बड़े पदों पर 3 से 5 सालों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है, जो परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ाया जा सकता है।
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क्यों लगी लेटरल एंट्री पर रोक
नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि UPSC के माध्यम से लेटरल एंट्री पारदर्शी और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार हो, इसलिए फिलहाल निकाली गई भर्ती पर रोक लगा दी गई है।
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UPSC लेटरल एंट्री में अब एससी, एसटी और ओबीसी को मिलेगा आरक्षण
अब सरकार UPSC लेटरल एंट्री में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने का मन बना रही है। वर्तमान में लेटरल एंट्री सिंगल कैडर पोस्ट के लिए होती थी जिसमें आरक्षण का प्रावधान नहीं था।