कैसे होती है लेटरल एंट्री से UPSC में भर्ती, वैकेंसी पर विवाद क्यों
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कैसे होती है लेटरल एंट्री से UPSC में भर्ती, वैकेंसी पर विवाद क्यों

UPSC से 45 लेटरल एंट्री पदों की भर्ती
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UPSC से 45 लेटरल एंट्री पदों की भर्ती

भर्ती डिटेल: UPSC ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में 45 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। इसमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव शामिल हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 17 सितंबर है।

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UPSC लेटरल एंट्री क्या है?
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UPSC लेटरल एंट्री क्या है?

UPSC लेटरल एंट्री में सरकारी सेवाओं के बजाय बाहरी एक्सपर्ट को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाता है। कांट्रैक्ट 3 से 5 साल के होते हैं और परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ाए जा सकते हैं।

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UPSC लेटरल इंट्री कब से शुरू हुआ? उद्देश्य
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UPSC लेटरल इंट्री कब से शुरू हुआ? उद्देश्य

  • शुरुआत: 2018 में पीएम मोदी के कार्यकाल में शुरू हुआ।
  • सिफारिश: द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने 2005 में पेश किया था।
  • उद्देश्य: विशेष ज्ञान वाले लोगों को सरकारी सेवाओं में शामिल करना।
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UPSC लेटरल इंट्री के तहत पोस्ट

संयुक्त सचिव: उभरती प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण नीति, डिजिटल अर्थव्यवस्था, साइबर सुरक्षा आदि।

निदेशक/उप सचिव: जलवायु परिवर्तन, वन, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, शिक्षा तकनीक आदि।

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UPSC लेटरल इंट्री भर्ती प्रक्रिया

कांट्रैक्ट: प्राइवेट फील्ड से आवेदन करने वालों के लिए कांट्रैक्ट के आधार पर।

टेस्ट: प्रदर्शन के आधार पर तीन साल के कांट्रैक्ट को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।

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UPSC लेटरल इंट्री पात्रता

पात्रता: सीधे भर्ती किए गए केंद्रीय सरकार के कर्मचारी इन पदों के लिए पात्र नहीं हैं।

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UPSC लेटरल इंट्री पर विवाद क्यों है?

  • आरक्षण: लेटरल एंट्री के लिए आरक्षण लागू नहीं होता, जबकि पारंपरिक भर्ती में आरक्षण होता है।
  • विपक्ष की आलोचना: कांग्रेस, LJP, RJD ने लेटरल एंट्री को आरक्षण प्रणाली के खिलाफ बताया है।
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