उदयपुर की मूल निवासी पूर्वी ने 2019 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की। होमटाउन के सेंट मैरी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी की।
उनके पिता पीतांबर नंदा की उनके लिए आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा ने उन्हें प्रतिष्ठित परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया और उस निर्णय से उनकी यूपीएससी जर्नी शुरुआत हुई।
भले ही पूर्वी का आईएएस अधिकारी बनने का लक्ष्य अभी भी अधूरा है, लेकिन उन्होंने यूपीएससी 2020 परीक्षा उत्तीर्ण की और 224वें स्थान पर रहीं।
पूर्वी यूपीएससी की तैयारी के अपने खास तरीके के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कोचिंग में दाखिला न लेने का ऑप्शन चुना और सेल्फ स्टडी की। हर दिन दस से ग्यारह घंटे तैयारी में बिताती थी।
उनकी तैयारी में पिछले वर्षों के एग्जाम क्वेश्चन पेपर सॉल्व करना शामिल था, जो परीक्षा के पैटर्न को समझने और किसी के नॉलेज बेस को बेहतर बनाने का एक आजमाया हुआ तरीका है।
पूर्वी ने इस कठोर तैयारी के दौरान अपने फोन के इस्तेमाल और सोशल मीडिया के उपयोग में कटौती की और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाया।
पूर्वी आईआरएस कैडर पोस्ट हासिल करने और आयकर विभाग में नौकरी पाने में सफल रहीं। अपने करियर की उपलब्धियों के अलावा, पूर्वी ने किताबें भी लिखी हैं।
उन्होंने अपनी किताब "बिहाइंड द सीन: द अनटोल्ड स्टोरीज ऑफ यूपीएससी एस्पिरेंट्स" में बाहरी कोचिंग की मदद के बिना परीक्षा उत्तीर्ण करने के अपने एक्सपीरिएंस के बारे में बताया है।
उनकी किताब उम्मीदवारों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। पूर्वी नंदा की सफलता की कहानी प्रेरणा का काम करती है।
यह दिखाती है कि भले ही UPSC की तैयारी के लिए कोचिंग क्लासेज पॉपुलर हैं, लेकिन प्रेरित कैंडिडेट सेल्फ स्टडी से भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।