ज्यादातर अभिनेताओं को अपने बच्चों को एक ही इंडस्ट्री में लॉन्च करते देखा गया है, चाहे वे अभिनेता, निर्देशक या निर्माता के बच्चे हों तय होता है कि वे फिल्म इंडस्ट्री में काम करेंगे।
प्रसिद्ध तमिल अभिनेता चिन्नी जयंत के बेटे ने अपनी पहचान बनाने के लिए अलग रास्ता चुना। एक्टर जयंत के बेटे ने ऐसा करियर चुना जो फिल्म इंडस्ट्री से काफी दूर है।
चिन्नी जयंत के बेटे श्रुतंजय नारायणन कल्चरल सोसाइटी का एक्टिव हिस्सा थे और दोस्तों के साथ स्कूल के नाटकों और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेते थे।
उनका ध्यान अपनी पढ़ाई पर भी था। स्कूल के बाद उन्होंने गुइंडी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन पूरी की। बैचलर डिग्री लेने के बाद वह मास्टर डिग्री के लिए अशोक यूनिवर्सिटी गए।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक स्टार्ट-अप में काम करना शुरू कर दिया। इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी करने का फैसला किया।
शुरुआत में श्रुतंजय नारायणन प्रतिदिन 4-5 घंटे सेल्फ स्टडी में बिताते थे और फिर रात की शिफ्ट में काम करते थे।
टेस्ट से कुछ हफ्ते पहले उन्होंने अपनी स्टडी स्ट्रेटजी को रिवाइज्ड किया। इसके बाद वह 10 से 12 घंटे पढ़ाई में बिताते थे। 2015 में उन्होंने आईएएस परीक्षा पास की।
श्रुतंजय ने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 75 भी हासिल की।
इस उपलब्धि के लिए आईएएस श्रुतंजय नारायणन के पिता को उन पर बहुत गर्व था। आईएएस नारायणन वर्तमान में तमिलनाडु के त्रिपुर जिले में सब कलेक्टर के पद पर तैनात हैं।