दीया कुमारी जयपुर के महाराजा रहे सवाई मानसिंह और उनकी पहली पत्नी मरुधर कंवर के बेटे भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं।
दीया कुमारी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तरह ही राजसी परिवार से हैं। वह बीजेपी में तेजी से उभरता हुआ नया चेहरा बन गई हैं। उन्होंने शिक्षा और महिला सशक्तीकरण पर कई काम किये हैं।
दीया कुमारी को विधानसभा चुनाव 2013 में सवाई माधोपुर से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में वसुंधरा राजे ने ही चुनावी रण में उतारा था।
दीया कुमारी ने जयपुर के पूर्व राजपरिवार के जुड़े महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल और नई दिल्ली मॉडर्न स्कूली शिक्षा ली। उसके बाद हायर स्टडी के लिए लंदन चली गई थी।
दीया कुमारी ने सिवाड़ के कोठड़ा ठिकाने के नरेंद्र सिंह राजावत से अगस्त 1994 में गुपचुप तरीके से कोर्ट मैरिज कर ली थी। करीब दो साल बाद अपनी मां को इस शादी के बारे में बताया।
उनकी शादी के बाद लंबे समय तक परिवार में तल्खी बनी रही। आखिरकार 1997 में दीया कुमारी के परिवार ने इस रिश्ते को मान्यता दी। लेकिन दोनों का एक ही गोत्र होने के कारण काफी बवाल मचा था।
इस शादी पर राजस्थान स्थित राजपूत समाज की सबसे बड़ी पंचायत राजपूत सभा की ओर से भी काफी नाराजगी जताई गई थी। साल 2019 में दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह तलाक लेकर अलग हो गए।
दीया कुमारी के 3 बच्चे हैं। दो बेटे- पद्मनाथ सिंह व लक्ष्यराज सिंह और एक बेटी गौरवी है।
दीया कुमारी ने पहली बार विधानसभा चुनाव 2013 में राजनीति में कदम रखा और बीजेपी की टिकट पर सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ी और जीत हासिल की।
पार्टी ने उनको 2019 में राजसमंद लोकसभा क्षेत्र से फिर चुनाव में उतारा।यहां भी उन्होंने जीत हासिल की।अब पार्टी ने फिर उन्हें 2023 विधानसभा चुनाव में उतारा है जिसमें उन्हें जीत मिली।
दीया कुमारी समाज सेवा से जुड़े कामकाज को लेकर चर्चित रहती हैं।
राजनीति के अलावा वे अपनी पारिवारिक विरासत सिटी पैलेस और जयगढ़ फोर्ट समेत अन्य इमारतों और हेरिटेज के संरक्षण के काम भी व्यस्त रहती हैं।