Hindi

पहले MBBS कर डॉक्टर बनीं, फिर UPSC क्रैक कर बनी IAS सलोनी सिदाना

Hindi

हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दिल्ली से एमबीबीएस

सलोनी सिडाना ने 2012 में दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस में ग्रेजुएशन की उपाधि प्राप्त की और डॉक्टर बन गईं। इसके बाद UPSC में शामिल होने का फैसला किया।

Image credits: social media
Hindi

भारत में रहने का फैसला

यूपीएससी सीएसई (संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा) की तैयारी से पहले सलोनी को आगे की शिक्षा के लिए विदेश जाने का मौका मिला। हालांकि उन्होंने भारत में रहने का फैसला किया।

Image credits: social media
Hindi

सिविल सेवक के रूप में काम क्यों?

वह एक सिविल सेवक के रूप में काम क्यों करना चाहती हैं इस बार में पूछे जाने पर वह कहती हैं, मैं अभी भी एक डॉक्टर के प्रोफेशन को महत्व देती हूं।

Image credits: social media
Hindi

लोगों के साथ सीधे बातचीत

एक डॉक्टर होने के नाते मुझे लोगों के साथ सीधे बातचीत करने का मौका मिलता है, यह कुछ ऐसा है जिसे आप सिविल सर्विसेज में शामिल होने पर भी जारी रख सकते हैं।

Image credits: social media
Hindi

यूपीएससी से बढ़ता है नॉलेज का दायरा

यूपीएससी आपको अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाने में सक्षम बनाता है। अगर मैं केवल एक डॉक्टर होती तो भूगोल, नागरिक शास्त्र या अर्थशास्त्र का अध्ययन नहीं करती।

Image credits: social media
Hindi

वैकल्पिक विषय में लॉ

मैंने UPSC की तैयारी के दौरान अपने देश के बारे में बहुत कुछ सीखा। वैकल्पिक विषय के रूप में मेडिकल के बजाय लॉ पर फोकस किया।

Image credits: social media
Hindi

पहले प्रयास में UPSC ऑल इंडिया रैंक 74

सलोनी की ज्ञान की खोज ने उन्हें पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने में सक्षम बनाया। एक साल तक तैयारी करने के बाद वह अखिल भारतीय रैंक 74 हासिल करने में सफल रहीं।

Image credits: social media
Hindi

आईएएस आशीष वशिष्ठ से शादी

सलोनी को मूल रूप से आंध्र प्रदेश कैडर सौंपा गया था। उन्होंने आईएएस आशीष वशिष्ठ से शादी की और फिर वह मध्य प्रदेश कैडर की सदस्य बन गईं। 

Image credits: social media
Hindi

शादी के दो दिन बाद ही काम पर लौटी

IAS सलोनी ने महज 500 रुपये की कोर्ट फीस चुका कर कोर्ट मैरिज की। शादी के दो दिन बाद ही काम पर पहुंच गईं।

Image credits: soical media
Hindi

हर दिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई

सलोनी का दावा है कि उनकी निरंतरता ने ही उन्हें पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास करने में मदद की। उन्होंने कहा मैं प्रतिदिन लगभग छह से आठ घंटे तैयारी में बिताती थी।

Image credits: social media
Hindi

परीक्षा के लिए मिले थे सिर्फ 5 महीने

वह आगे कहती हैं, प्रारंभिक परीक्षाओं में शामिल होने के लिए मेरे पास केवल पांच महीने थे।सलोनी का दावा है कि परीक्षा देने से एक महीने पहले, वह अपने घर चली गई, जो उसका कंफर्ट जोन है।

Image credits: social media

मां के सपने, पिता को न्याय दिलाने के लिए बनी IAS, किंजल सिंह की कहानी

छात्रा जो 6वीं कक्षा में हो गई थी फेल, पहले प्रयास में बनी IAS

UPSC में 3 असफलता, तैयारी न करने का फैसला, लेकिन फिर ऐसे बनी IAS

ये 10 टिप्स NEET UG फिजिक्स सेक्शन में दिलायेंगे फुल मार्क्स